खनन उद्योगपति सुधीर शर्मा को व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार किया जा चुका है।
नई दिल्ली:
2013 की इन्कम टैक्स रिपोर्ट के मुताबिक व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार एक खनन उद्योगपति ने भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेताओं के हवाई टिकट और दूसरे खर्चों का बंदोबस्द किया था।
एनडीटीवी को मिला एक दस्तावेज़ दिखाता है कि करोड़पति सुधीर शर्मा और कुछ वरिष्ठ राजनेताओं के बीच पैसों का सीधा सीधा लेन-देन हुआ है। इसके बावजूद भी सीबीआई से पहले पिछले हफ्ते तक व्यापमं की जांच कर रही मप्र पुलिस ने इस रिपोर्ट के बारे में कोई पड़ताल नहीं की थी। हालांकि भाजपा की शायना एनसी ने एनडीटीवी से कहा है कि पार्टी किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रही है। किसी एक रिपोर्ट पर भरोसा करने से अच्छा है कि सीबीआई जांच का इंतज़ार किया जाए।
2013 का ये दस्तावेज़ कहता है कि खनन और कई कॉलेज पर मालिकाना हक़ रखने वाले सुधीर शर्मा ने कुछ राजनेताओं के एयर-टिकट और अन्य अपरिभाषित खर्चों के लिए नकद भुगतान किया है। इन राजनेताओं में आरएसएस के सुरेश सोनी और मप्र भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष प्रभात झा का नाम शामिल हैं। ये रिपोर्ट उन दस्तावेजों का हिस्सा है जो सुधीर शर्मा के घर और दफ्तर पर छापा मारने के दौरान हासिल हुए हैं। इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि मध्यप्रदेश के पूर्व खनन और शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और वर्तमान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के यात्रा संबंधी खर्चों के लिए शर्मा ने पैसों का भुगतान किया था।
सुधीर शर्मा, 6 महीने तक गिरफ्तारी से बचते रहे लेकिन लक्ष्मीकांत शर्मा की हिरासत के एक महीने बाद जुलाई 2014 में शर्मा को जेल भेज दिया गया। एनडीटीवी के हाथ लगी टैक्स रिपॉर्ट के अनुसार सुधीर को उन दो कॉलेज से लगातार भारी रकम मिलती रही जिनका नाम व्यापमं घोटाले में शामिल है। आयकर अधिकारियों के मुताबिक 'ये पैसा मध्यप्रदेश सरकार के एक मंत्री के सहायक के पास उसी दिन भेज दिया जाता था'। रिपोर्ट में लक्ष्मीकांत शर्मा और सुधीर शर्मा के बीच के तार की पड़ताल करने के लिए कहा गया था।
इस आयकर रिपोर्ट के बारे में संबंधित नेताओं की ये प्रतिक्रिया रही :
"अगर पार्टी मेरे टिकट का पैसा दे रही है तो क्या समस्या है?" - प्रभात झा, पूर्व भाजपा अध्यक्ष, मध्यप्रदेश
"पार्टी ऑफिस ने मेरा टिकट बुक किया था। सुधीर शर्मा से मेरा कोई लेना-देना नहीं।" - धर्मेंद्र प्रधान, वर्तमान में केंद्र मंत्री
"कुछ नहीं कहूंगा, सीबीआई जांच जारी है।" - अनिल दवे, भाजपा राज्यसभा सदस्य
आरएसएस के सुरेश सोनी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। भाजपा का कहना है कि सीबीआई से पहले व्यापमं घोटाले को देख रहे जांचकर्ताओं ने उन्हें क्लिन चिट दे दी है।
एनडीटीवी को मिला एक दस्तावेज़ दिखाता है कि करोड़पति सुधीर शर्मा और कुछ वरिष्ठ राजनेताओं के बीच पैसों का सीधा सीधा लेन-देन हुआ है। इसके बावजूद भी सीबीआई से पहले पिछले हफ्ते तक व्यापमं की जांच कर रही मप्र पुलिस ने इस रिपोर्ट के बारे में कोई पड़ताल नहीं की थी। हालांकि भाजपा की शायना एनसी ने एनडीटीवी से कहा है कि पार्टी किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रही है। किसी एक रिपोर्ट पर भरोसा करने से अच्छा है कि सीबीआई जांच का इंतज़ार किया जाए।
2013 का ये दस्तावेज़ कहता है कि खनन और कई कॉलेज पर मालिकाना हक़ रखने वाले सुधीर शर्मा ने कुछ राजनेताओं के एयर-टिकट और अन्य अपरिभाषित खर्चों के लिए नकद भुगतान किया है। इन राजनेताओं में आरएसएस के सुरेश सोनी और मप्र भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष प्रभात झा का नाम शामिल हैं। ये रिपोर्ट उन दस्तावेजों का हिस्सा है जो सुधीर शर्मा के घर और दफ्तर पर छापा मारने के दौरान हासिल हुए हैं। इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि मध्यप्रदेश के पूर्व खनन और शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और वर्तमान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के यात्रा संबंधी खर्चों के लिए शर्मा ने पैसों का भुगतान किया था।
सुधीर शर्मा, 6 महीने तक गिरफ्तारी से बचते रहे लेकिन लक्ष्मीकांत शर्मा की हिरासत के एक महीने बाद जुलाई 2014 में शर्मा को जेल भेज दिया गया। एनडीटीवी के हाथ लगी टैक्स रिपॉर्ट के अनुसार सुधीर को उन दो कॉलेज से लगातार भारी रकम मिलती रही जिनका नाम व्यापमं घोटाले में शामिल है। आयकर अधिकारियों के मुताबिक 'ये पैसा मध्यप्रदेश सरकार के एक मंत्री के सहायक के पास उसी दिन भेज दिया जाता था'। रिपोर्ट में लक्ष्मीकांत शर्मा और सुधीर शर्मा के बीच के तार की पड़ताल करने के लिए कहा गया था।
इस आयकर रिपोर्ट के बारे में संबंधित नेताओं की ये प्रतिक्रिया रही :
"अगर पार्टी मेरे टिकट का पैसा दे रही है तो क्या समस्या है?" - प्रभात झा, पूर्व भाजपा अध्यक्ष, मध्यप्रदेश
"पार्टी ऑफिस ने मेरा टिकट बुक किया था। सुधीर शर्मा से मेरा कोई लेना-देना नहीं।" - धर्मेंद्र प्रधान, वर्तमान में केंद्र मंत्री
"कुछ नहीं कहूंगा, सीबीआई जांच जारी है।" - अनिल दवे, भाजपा राज्यसभा सदस्य
आरएसएस के सुरेश सोनी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। भाजपा का कहना है कि सीबीआई से पहले व्यापमं घोटाले को देख रहे जांचकर्ताओं ने उन्हें क्लिन चिट दे दी है।
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