भोपाल गैस त्रासदी मामले में केंद्र की क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी. सुनवाई 28 जनवरी से होगी. दरअसल केंद्र सरकार ने 2011 में सुप्रीम कोर्ट में भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे के लिए क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी. केंद्र ने कहा है कि अमेरिका की यूनियन कार्बाइड कंपनी, जो अब डॉव केमिकल्स के स्वामित्व में है, को 7413 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा देने के निर्देश दिए जाएं. दिसंबर 2010 में दायर याचिका में शीर्ष अदालत के 14 फरवरी, 1989 के फैसले की फिर से जांच करने की मांग की गई है जिसमें 470 मिलियन अमेरिकी डॉलर (750 करोड़ रुपये) का मुआवजा तय किया गया था.
केंद्र सरकार के अनुसार, पहले का समझौता मृत्यु, चोटों और नुकसान की संख्या पर गलत धारणाओं पर आधारित था, और इसके बाद के पर्यावरणीय नुकसान को ध्यान में नहीं रखा गया. ये मुआवजा 3,000 मौतों और 70,000 घायलों के मामलों के पहले के आंकड़े पर आधारित था. क्यूरेटिव पिटीशन में मौतों की संख्या 5,295 और घायल लोगों का आंकड़ा 527,894 बताया गया है.
मामले की सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की खंडपीठ में जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत शरण, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एस रवीन्द्र भट्ट शामिल हैं.
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