बंगाल चुनाव : टीएमसी से टक्कर लेने के लिये कांग्रेस से हाथ मिलाएगी सीपीएम

बंगाल चुनाव : टीएमसी से टक्कर लेने के लिये कांग्रेस से हाथ मिलाएगी सीपीएम

'सुरजीत' के नाम वैचारिक स्‍कूल का शिलान्‍यास करते येचुरी

नई दिल्ली:

अब ये तय हो गया है कि सीपीएम बंगाल चुनावों में टीएमसी से टक्कर लेने के लिये कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। ये इत्तेफाक ही है कि महासचिव सीताराम येचुरी ने गुरुवार को जब दिल्ली में पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले हरकिशन सिंह सुरजीत के नाम पर सीपीएम के नए वैचारिक स्कूल के भवन का शिलान्यास किया और ये बयान भी दिया कि बंगाल में ममता बनर्जी को हराने के लिये सभी लोकतांत्रिक और सेक्युलर पार्टियां साथ आएं। सवाल यही है कि क्या पार्टी बंगाल चुनावों में टीएमसी को हराने के लिये कांग्रेस के साथ हाथ मिलाएगी।

सीपीएम के महासचिव के बयान और सेंट्रल कमेटी की मीटिंग के बाद हुये फैसले से साफ है कि सीपीएम कांग्रेस से हाथ मिलाने की मजबूरी के आगे झुक गई है।

पिछले हफ्ते सीपीएम की बंगाल यूनिट ने कांग्रेस से हाथ मिलाने के मामले में सहमति जताई थी ताकि तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई में वोटों का बंटवारा न हो। लेकिन समस्या है कि बंगाल के साथ-साथ केरल विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं जहां लेफ्ट की टक्कर सीधे कांग्रेस से होनी है। केरल के कामरेड कह रहे हैं कि एक राज्य में दोस्ती और दूसरे में मुकाबला कैसे होगा।

इसलिये माना जा रहा है कि कांग्रेस औऱ लेफ्ट मिलकर लड़ेंगे लेकिन कोई औपचारिक घोषणा नहीं होगी। कुछ सीटें एक दूसरे के लिये छोड़ी जाएंगी और कुछ सीटों पर टीएमसी को हराने के लिये दोनों ही चुनाव लड़ेंगे। ये रणनीति का हिस्सा है।

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कहा जा रहा है कि सीपीएम महासचिव येचुरी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी में इस बारे में बात चुकी है लेकिन सवाल ये भी है कि क्या सोनिया गांधी ममता बनर्जी को नाराज़ करने का जोखिम उठाएंगी। वैसे बंगाल में ममता बनर्जी इस वक्त सियासी रूप से काफी मज़बूत हैं और कहा जा रहा है कि इस गठबंधन के बावजूद उनकी सेहत पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ने वाला है। फिर भी बंगाल के कामरेड कह रहे हैं कि राज्य में धराशायी हो चुकी सीपीएम को कुछ ऑक्सीज़न चाहिये जिसके लिये ये गठजोड़ ज़रूरी है।