New Delhi:
दिल्ली में वाहनों में जीपीएस उपकरण लगाने के लिए सरकार की ओर से भुगतान किए जाने की मांग को लेकर ऑटोरिक्शा चालकों ने गुरुवार को हड़ताल की। इससे हजारों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऑटोरिक्शा यूनियनों का कहना है कि वे जीपीएस प्रणाली के खिलाफ नहीं हैं लेकिन इस उपकरण को लगाने के लिए सरकार द्वारा बनाए जा रहे दबाव के तरीके के खिलाफ हैं। 'राष्ट्रवादी जनता तिपहिया चालक महासंघ' के अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने बताया, "सरकार जिस कम्पनी की जीपीएस उपकरण बेच रही है उसकी कीमत 15,000 रुपये है जबकि यही उपकरण हमें अन्य जगहों से 3,000-5,000 रुपये में मिल रहे हैं। सरकार हम पर महंगा मॉडल खरीदने का दबाव डाल रही है।" ऑटोरिक्शा हड़ताल के चलते गुरुवार को हजारों यात्री परेशान रहे। रोहिणी इलाके में रहने वाले व्यापारी गुरजीत सिंह ने बताया कि घर से सुबह नौ बजे निकलने के बावजूद वह चाणक्यपुरी में अपनी दुकान पर दोपहर में पहुंच पाए। उन्होंने बताया, "अगर मुझे हड़ताल के बारे में जानकारी होती तो, कोई और बन्दोबस्त कर लिया होता।" मंदिर मार्ग पर रहने वाली पिन्की खुराना ने बताया कि उन्हें अपने घर से दो किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा है इसके बावजूद कोई ऑटोरिक्शा नहीं मिला। उन्होंने बताया, "आखिरकार मुझे मेट्रो के जरिए अपनी यात्रा तय करनी पड़ी है।"
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