पिछले साल कोविड-19 महामारी के फैलने के दौरान अचानक लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी, जिसके बाद देश के कोने-कोने से लाखों प्रवासी मजदूरों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा था. इस दौरान बड़ी संख्या में मजदूरों की भूख-प्यास या फिर सड़क हादसे में मौत हो गई थी. ऐसी ही एक दिल दहलाने वाली घटना महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में हुई थी. यहां मई महीने में 16 मजदूरों की रेलवे की पटरी पर मालगाड़ी की चपेट में आ जाने के चलते मौत हो गई थी. और इनमें से कई मजदूरों के परिवार अब भी, 10 महीने बाद भी अपने मृतक परिजनों का डेथ सर्टिफिकेट तक नहीं मिला है.
मध्य प्रदेश के शाहडोल और उमरिया जैसे इलाकों से संबंध रखने वाले कई मजदूरों के परिवार ने इस हादसे में अपने परिवार के सदस्य को खोया है और 10 महीने बाद भी उनके मृत्यु प्रमाण पत्र का इंतजार कर रहे हैं.
जैसीनगर के एसडीएम दिलीप पांडेय ने इस मुद्दे पर बातचीत में बताया कि वो महाराष्ट्र सरकार को एक बार फिर इस विषय में पत्र लिखेंगे. उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार से इस विषय में बार-बार पत्राचार हुआ है, लेकिन 8 मई, 2020 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में जान गंवाने वाले लोगों का डेथ सर्टिफिकेट हमें अभी भी नहीं मिल सका है.'
बता दें कि ये सभी 16 मजदूर महाराष्ट्र के जालना में एक स्टील फैक्ट्री में काम करते थे. लॉकडाउन के चलते उनकी नौकरी चली गई थी. वो सरकार की ओर से चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन से वापस अपने घर जाने वाले थे, लेकिन उनसे यह ट्रेन छूट गई, तो उन्होंने 7 मई, 2020 को पैदल ही घर जाने का रास्ता चुना. वो अभी कुछ 40 किलोमीटर चले थे और औरंगाबाद पहुंचे थे. जानकारी है कि चूंकि उस वक्त ट्रेनें न के बराबर चल रही थीं, ऐसे में उन्होंने रेलवे ट्रैक पर ही आराम करने का फैसला किया था, लेकिन रात के अंधेरे में उनके ऊपर से एक मालगाड़ी गुजर गई थी.
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