बीजेपी (BJP) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर कोरोना वैक्सीन, ऑक्सीजन सप्लाई (Delhi Oxygen Supply) और बेड समेत चिकित्सा सुविधाओं के मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया है.बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार विज्ञापन पर तो करोड़ो खर्च कर रही है, लेकिन कोरोना महामारी से निबटने में उनकी कोशिश केवल जुबानी ही है. संबित पात्रा ने कहा कि पिछले 7 सालों में केजरीवाल सरकार से दिल्ली में एक भी हॉस्पिटल नही खोला है. यहां तक कि महामारी से निपटने को लेकर केजरीवाल केवल राजनीति कर रहे हैं.पात्रा ने कहा कि दिल्ली में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccination) की रफ्तार बहुत धीमी है. पात्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन को वोट बटोरने का मशीन बना लिया है.
BJP प्रवक्ता ने कहा कि केजरीवाल ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि वो 1.34 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर देने वाले हैं, जिस पर करीब 1400 करोड़ रुपये खर्च आएगा. लेकिन वो आज इस पर कुछ नहीं कर रहे हैं. दिल्ली में अभी तक 45 साल से ज्यादा उम्र के 8.93 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन की दूसरी डोज लग पाई है. 60 से ज्यादा उम्र के सिर्फ 48 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन की पहली डोज लग पाई है. ऐसा तब हो रहा है, जब मोदी सरकार मुफ्त वैक्सीन मुहैया करा रही है. जबकि 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के सिर्फ 17 फीसदी लोगों को ही दिल्ली में कोरोना की दूसरी वैक्सीन लग पाई है.
पात्रा ने आरोप लगाया कि दिल्ली की सरकार ने सही समय पर सही तरीके से वैक्सीनेशन को आगे नहीं बढ़ाया, इसलिए कई लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पाई. ऑक्सीजन के मामले पर भी केजरीवाल जी राजनीति कर रहे हैं, क्योंकि दिल्ली सरकार कोविड प्रबंधन नहीं कर पा रही है. दिल्ली सरकार ने सही समय पर वेंटिलेटर्स के लिए कोई ऑर्डर नहीं दिया.
ऑक्सीजन ऑडिट को लेकर केजरीवाल ने मना कर दिया था. जब दिल्ली में प्रति व्यक्ति ऑक्सीजन की उपलब्धता अधिकतम है, फिर वो ऑक्सीजन कहां जा रहा है, हम ये सवाल पूछते हैं.
दिल्ली में विज्ञापन पर केजरीवाल सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. छह सालों में ही 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम विज्ञापन पर खर्च की गई है. वहीं एक RTI से पता चला है कि पिछले 7 साल में दिल्ली में एक भी नया अस्पताल नहीं खुला है. मोहल्ला क्लीनिक के विषय में भी 2 दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी. लेकिन ये सब जानते हैं कि इन मौहल्ला क्लीनिक में कोविड से संबंधित प्राथमिक उपचार भी नहीं हो रहा.
विज्ञापन पर खर्च का ब्योरा दिया....
2015-16 - 81.23 करोड़ रुपये
2016-17-67.25 करोड़ रुपये
2017-18-117.76 करोड़ रुपये
2017-18-45.54 करोड़ रुपये
2019-20-199.99 करोड़ रुपये
2020-21-293.16 करोड़ रुपये
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