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यूपी में मंत्री-अफसर के बीच टकराव ले रहा सियासी रूप, बैठकों से मसले सुलझाने में जुटे सीएम योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर की तरह ही मेरठ में भी अफसरों और नेताओं वाली मीटिंग की. योगी आदित्यनाथ इन दिनों यूपी के अलग अलग शहरों के दौरे पर हैं.

यूपी में मंत्री-अफसर के बीच टकराव ले रहा सियासी रूप, बैठकों से मसले सुलझाने में जुटे सीएम योगी
(फाइल फोटो)
  • यूपी के मंत्री सुरेश राही और जूनियर इंजीनियर के बीच ट्रांसफॉर्मर बदलने को लेकर विवाद हुआ था
  • सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के बाद जूनियर इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है
  • CM योगी आदित्यनाथ विभिन्न शहरों में अफसरों और बीजेपी नेताओं के बीच संवाद बढ़ाने के लिए बैठकें कर रहे हैं
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यूपी के एक मंत्री के धरने पर बैठने का मसला सीएम योगी तक पहुंच गया है. बता दें कि जेल राज्य मंत्री सुरेश राही की ट्रांसफॉर्मर बदलने को लेकर जूनियर इंजीनियर के साथ कहा सुनी हो गई थी और इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है और देखते ही देखते मामला बिजली मंत्री के पास पहुंच गया. इसके बाद जूनियर इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया.

हालांकि, इस मामले के बाद अब विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने और माहौल बनाने का मौका मिल गया. विपक्ष का कहना है कि बीजेपी की सरकार में बस झगड़ा ही झगड़ा है. अधिकारी तो विधायकों की बात तक नहीं सुनते हैं. यूपी सरकार अफसरों के दम पर चल रही है. समाजवादी पार्टी इस तरह के आरोप तो लगाती रहती है. पर अब बीजेपी के अंदर से ही इस तरह के झगड़ों की खबरें न्यू नार्मल हो गई है.

बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर की तरह ही मेरठ में भी अफसरों और नेताओं वाली मीटिंग की. योगी आदित्यनाथ इन दिनों यूपी के अलग अलग शहरों के दौरे पर हैं. बुधवार को उन्होंने बरेली में और फिर मुरादाबाद में मंडलीय बैठक की. इन बैठकों में वे बीजेपी के सांसदों, विधायकों, विधान परिषद के सदस्यों, मेयरों और जिला पंचायत के अध्यक्षों को बुलाते है. इलाके के डिविजनल कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, एडीजी, आईजी, डीआईजी, डीएम और एसपी भी इस तरह की मीटिंग में बुलाए जाते हैं. 

इस तरह की बैठकों के बहाने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अफसरों और बीजेपी नेताओं के बीच की दूरी खत्म करने में जुटे हैं. हर बैठक में वे बीजेपी के एक एक विधायक से आमने सामने संवाद कर रहे हैं. कितनी सड़कें चाहिए! कहां पुल बनाना चाहते हैं! ऐसे सवाल होते हैं. किसी अधिकारी की शिकायत होने पर वे कहते हैं सबूत दें तो एक्शन होगा. यूपी में करीब डेढ़ साल बाद विधानसभा के चुनाव हैं. लोकसभा में बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा. समाजवादी पार्टी के लिए नतीजे सुपर हिट रहे. पार्टी PDA के फार्मूले के दम पर दस सालों बाद सत्ता में वापसी के दावे कर रही है.

जब जब सीएम योगी हालात बेहतर करने के लिए मीटिंग करते हैं, एजेंडा मीडिया में बदल जाता है. बुधवार को योगी ने बरेली से मुरादाबाद तक बैठकें की. पर दिनभर चर्चा दयाशंकर सिंह की होती रही. कैसे उन्होंने अफसरों और इंजीनियरों को फटकार लगाई. मामला बलिया का है. परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का वीडियो वायरल है. हर दिन बीजेपी नेता और अधिकारियों के तनातनी की खबरें आ ही जाती हैं. विपक्ष तो मौके पर चौका लगाने के लिए तैयार बैठा है. अगर ये ट्रेंड बन गया तो योगी सरकार की छवि पर असर पड़ेगा.

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