चीनी आक्रमण पर भारत की प्रतिक्रिया आने वाले दिनो में क्या रहेगी इसे लेकर सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय पैनल ने समीक्षा की. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) अजीत डोभाल (Ajit Doval) को आंतरिक और बाहरी खुफिया एजेंसी के प्रमुखों के अलावा सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी-अपनी जानकारी साझा की. जानकारी के मुताबिक़ इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार और सचिव अनुसंधान एनालाइस विंग सामंत गोयल ने आने वाले महीनों में चीन से क्या उम्मीद की जाए, इस पर अपना आकलन दिया. बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला भी मौजूद थे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, "भारत इस कोशिश को नाकाम करने में कामयाब रहा, लेकिन आने वाले दिनों में हम कौन सी रणनीति अपनाने जा रहे हैं, इस पर चर्चा की गई,” उनके अनुसार आने वाले दिनों में भारत LAC के साथ अपनी सेना की तैनाती बढ़ाएगा. अधिकारी ने बताया "चीन एलएसी के साथ कहीं और भी ऐसी ही रणनीति अपना सकता है इस कारण हमें तैयार रहना चाहिए." खुफिया एजेंसियों द्वारा किए गए एक आकलन में कहा गया है कि यह चीन द्वारा अपनाई गई एक उलटफेर की रणनीति हो सकती है. “चीन अभी भी कई क्षेत्रों में रिज लाइनें रखता है. दक्षिणी पक्ष में भी उन्होंने चुशुल शहर और पैंगोंग त्सो और स्पैंग्गुर त्सो झीलों की अनदेखी करते हुए कब्जा कर लिया था.
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उनके अनुसार हालांकि सुरक्षा बलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि चीन की तरफ से एलएसी को बदलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि हम एक लंबी लडाई के लिए भी तैयार हैं. उधर बताते चले कि लद्दाख के एलजी राधा कृष्ण कुमार भी इन दिनों दिल्ली में थे जहां उन्होंने राज्य मंत्री जीके रेड्डी से मुलाकात की. इस दौरान सीमा पर तनाव के साथ-साथ भारत ने बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए जो प्रयास किए हैं उस मुद्दे पर चर्चा की गयी.
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