
अमेरिकी नागरिक जॉन चाऊ.
- पुलिस ढूंढ़ रही है शव, नहीं मिला कोई सुराग.
- एक बार हमले के बाद भी दोबारा द्वीप पर गया.
- सात मछुआरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार.
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अमेरिकी नागरिक जॉन चाऊ ने सेंटीनल द्वीप पर रहने वाली सेंटिनलीज जनजाति से मिलने की इच्छा जाहिर की थी. इसके बाद उसने 25 हजार रुपए किराए देकर पोर्ट ब्लेयर से 102 किलोमीटर दूर इस द्वीप पर जाने के लिए नाव किराए पर ली. एक मछुआरे ने पुलिस को बताया कि 14 नवंबर की रात वे इस द्वीप पर पहुंच गए थे. उन्होंने किनारे से 500 मीटर पहले ही अपनी नाव रोक दी. अगली सुबह तड़के ही चाऊ डोंगी से द्वीप पर चला गया. डोंगी वह अपने साथ नाव पर लेकर आया था. अंडमान निकोबार के डीजीपी दीपेंद्र पाठक ने एनडीटीवी को बताया कि वह अपने साथ बाइबिल भी लेकर चल रहा था. मछुआरों ने तभी देखा कि सेंटिनलीज जनजाति के लोगों ने उस पर तीरों से हमला कर दिया, लेकिन वह फिर भी अंदर जाता रहा.
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इसके बाद वह उस दिन दोपहर में नाव पर वापस लौटा. वापस लौटा तो उसके शरीर पर तीर और कमान से चोट के निशान थे. नाव पर उसने उन जख्मों पर कुछ दवाई लगाई और खाना भी खाया. इसके बाद उसने अपनी डायरी में सेंटिनलीज जनजाति से अपनी पहली मुलाकात के बारे में बताया. फिर उसी रात वह फिर डोंगी लेकर निकल गया. आखिरी बार मछुआरों ने उसे तभी देखा था. फिर 17 नवंबर तड़के मछुआरों ने देखा सेंटिनलीज जनजाति के कुछ लोग एक शव को घसीट रहे हैं, जो कि चाऊ जैसा दिख रहा था. उन्होंने उसे रेत में दफना दिया. इसके बाद मछुआरे वापस पोर्ट प्लेयर लौट आए. उन्होंने पोर्ट ब्लेयर लौटकर इसकी जानकारी चाऊ के दोस्त को दी. जिसने इसके बारे में चाऊ के परिवार और अमेरिकी दूतावास को जानकारी दी.
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