बिहार के सारण जिले में एंबुलेंस प्रकरण अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि अब सीवान में एंबुलेंस घोटाला (Bihar Ambulance scam) सामने आया है. यहां एंबुलेंस का बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें तीन गुना दाम पर एंबुलेंस ख़रीदी गईं. जबकि कोरोना की दूसरी लहर में मरीज एंबुलेंस के लिए दर दर की ठोकर खा रहे हैं. ड्राइवरों के अभाव में कोरोना के इस ख़ौफ़नाक दौर में भी ये एंबुलेंस सफेद हाथी बनकर खड़ी हैं. सात ऐसी एंबुलेंस (Sivan Ambulance Scam) को तीन गुना ज्यादा दामों पर खरीदने का खुलासा होने के बाद ज़िला अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं.
सीवान के सदर अस्पताल में साल भर से ऐसे ही ये एंबुलेंस खड़ी हैं. इनमे से 5 मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना के तहत खरीदी गई थीं. इनमें से दो के लिये BJP के पूर्व विधायक और एक के लिए जनता दल यू विधायक ने सिफ़ारिश की थी. इनका दाम सात लाख होना चाहिए था, लेकिन उपकरण लगाने के नाम पर हर एंबुलेंस के लिये क़रीब 22-22 लाख का भुगतान हुआ. जनता दल यूनाइटेड के पूर्व विधायक विक्रम कुंवर ने इस पूरे मामले को उजागर किया है.
सीवान के जिलाधिकारी अमित पांडेय ने कहा कि इस मामले में पूरी जांच के बाद ही सच सामने आएगा. कोई अनियमितता का दोषी पाया गया तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.इससे पहले सारण में एंबुलेंस प्रकरण तूफान का रूप ले चुका है. सारण से बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी (BJP MP Rajiv Pratap Rudy)के दफ्तर में धूल फांक रहीं एंबुलेंस का मामला पूर्व सांसद पप्पू यादव ने उठाया था. इसको लेकर सवाल उठा तो रूडी ने पप्पू यादव को सारी एंबुलेंस चलवाने की चुनौती दे डाली.
पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने ड्राइवरों की एक टीम लाकर एंबुलेंस चलवाने की मांग भी कर डाली थी. यादव ने कहा कि कोरोना काल में मरीजों को मुफ्त सेवा दी जाएगी.घटिया राजनीति नहीं करता सेवा और जिंदगी बचाने को लड़ रहा हूं.' वहीं पप्पू यादव को बाद में कोरोना नियमों के उल्लंघन के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था.
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