
कोविड -19 महामारी के कारण इस साल की अमरनाथ यात्रा को रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि अमरनाथ गुफा तीर्थस्थल में लगभग 10 लाख भक्त दर्शन करते हैं और अगर इसे इजाजत दी जाती है, तो बीमारी फैलने की आशंका है.
याचिकाकर्ता ने कहा है कि हालांकि श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने अभी तक वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू करने की अनुमति नहीं दी है, लेकिन कुछ संगठनों को भोजन स्टाल लगाने के लिए कहा गया है. इससे याचिकाकर्ता को यह अनुमान लगा है कि यात्रा की जल्द ही अनुमति दी जा सकती है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट में यात्रा को रोकने के लिए याचिका दाखिल की गई है.
याचिका में मांग की गई है कि यात्रा पर रोक लगाने के साथ ही सरकार इंटरनेट और टीवी चैनलों के ज़रिए अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के लाईव दर्शन का इंतजाम कराए. ताकि कोरोना काल में संकटग्रस्त दुखी करोड़ों जनता अपने भगवान के दर्शन कर सके. लंगर आर्गेनाइजेशन ने याचिका में कहा है कि यात्रा पर रोक लगाना श्रद्धालुओं के हित में भी है.
याचिका में सलाह दी गई है कि मौजूदा हालात को देखते हुए न तो श्रद्धालुओं के लिए और न ही प्रशासन के लिए यात्रा करवाना सही है. इसमें पुलिस, सुरक्षाबल, श्रमिकों, घोड़े वालों, सामान ढोने वालों और दुकानदारों का एक जगह इकट्ठा होना नि:संदेह कोविड के खतरे के मद्देनजर सही नहीं होगा. इसीलिए यात्रा इस बार आयोजित ही नहीं होनी चाहिए.
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