लॉकडाउन के कारण रद्द हुए टिकटों के रिफंड मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले में केंद्र से अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. कोर्ट के अनुसार केंद्र और एयरलाइंस इसके तौर तरीकों पर चर्चा करें और अदालत को जवाब दें. कोर्ट ने एयरलाइन्स और केंद्र सरकार से सवाल भी किया कि क्रेडिट के लिए कम समय अवधि या उसी मार्ग के लिए सीमित क्यों किया जाना चाहिए. क्यों नहीं ग्राहक को ज्यादा समय दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा ग्राहक को कम से कम 2 साल का समय दिया जाना चाहिए साथ ही उसे इस क्रेडिट का इस्तेमाल कियी भी रूट पर करने की अनुमति भी दी जानी चाहिए.
कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि सभी एयरलाइंस इसमें पार्टियों के रूप में सुना जाएगा. कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए तीन हफ्ते के बाद की तारीख दी है.
बता दें कि एयरलाइन्स कंपनी लॉक डाउन के पहले चरण ( 25 मार्च से 14 अप्रैल) के बीच बुक कराए गए टिकट का ही रिफंड दे रही है. दरअसल एयरलाइंस कंपनी लॉकडाउन के पहले चरण (25 मार्च -14 अप्रैल ) बुक कराए गए टिकट का तो रिफंड दे रही है. लेकिन उससे पहले बुक कराए टिकट के पैसे ग्राहकों को नहीं लौटा रही है. कंपनियों ने इसके एवज में उन्हें बिना अतिरिक्त शुल्क के नई तारीखों पर बुकिंग की सुविधा देने का फैसला किया है.
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