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This Article is From Oct 26, 2016

सातवें वेतन आयोग में एचआरए को लेकर बातचीत में तय हो सकता है ये फॉर्मूला

सातवें वेतन आयोग में एचआरए को लेकर बातचीत में तय हो सकता है ये फॉर्मूला
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में कर्मचारियों ने उठाई है कई आपत्ति
नई दिल्ली: सातवें वेतन आयोग की अधिकतर सिफारिशें सरकार ने लागू कर दी हैं और सरकारी कर्मचारियों के संगठनों ने कई मुद्दों पर अपनी-अपनी आपत्तियां उठाईं. इसके बाद सरकार ने कर्मचारियों की मांग को सुनने और समाधान के लिए समितियों का गठन कर दिया. इन मांगों में एक मांग हाउस रेंट अलाउंस को लेकर भी उठाई गई.

हाउस रेंट अलाउंस का मुद्दा सरकारी कर्मचारियों के संयुक्त संगठन और सरकार द्वारा गठित अलाउंस समिति के बीच उठाया गया है. सूत्रों का कहना है कि सरकार और कर्मचारी संगठन ने इस विषय में एक फॉर्मूला तय कर लिया है. हालांकि, अभी इसकी घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अभी अन्य कई अलाउंस पर बातचीत जारी है इसलिए अभी इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है.

कहा जा रहा है कि सरकार की ओर से बातचीत के लिए अधिकृत अधिकारी एचआरए को 1 स्तर ऊपर करने को तैयार हुए हैं अब एचआरए 30%, 20% और 10% तक हो सकता है.

वहीं, विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि बड़े शहरों में इसे 30 प्रतिशत किया जा सकता है, लेकिन यह अभी तय नहीं है. कर्मचारी संगठन का कहना है कि अगर सरकार ने एचआरए बढ़ाया नहीं है तो घटा कैसे सकते हैं. उनका तर्क है कि क्या शहरों में मकान का किराया कम हुआ है. क्या मकान सस्ते हो गए हैं. जब यह नहीं हुआ है तो सरकार अपने कर्मचारियों के साथ अन्याय कैसे कर सकती है.

सूत्र बता रहे हैं कि सरकार तक कर्मचारियों की मांग पहुंचा दी गई है और अब सरकार के भीतर इस मसले पर बातचीत होगी.

बता दें कि वेतन आयोग (पे कमीशन) ने अपनी रिपोर्ट में एचआरए को आरंभ में 24%, 16% और 8% तय किया था और कहा गया था कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा तो यह 27%, 18% और 9% क्रमश: हो जाएगा. इतना ही नहीं वेतन आयोग (पे कमिशन) ने यह भी कहा था कि जब डीए 100% हो जाएगा तब यह दर 30%, 20% और 10% क्रमश : एक्स, वाई और जेड शहरों के लिए हो जाएगी.

उल्लेखनीय है कि कर्मचारियों के संयुक्त संगठन एनसीजेसीएम ने वेतन आयोग को सौंपे अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन में इस दर को क्रमश: 60%, 40% और 20% करने के लिए कहा था. संगठन का आरोप है कि आयोग ने कर्मचारियों की मांग को पूरी तरह से ठुकरा दिया. उनका कहना है कि वेतन आयोग ने इस रेट को छठे वेतन आयोग से भी कम कर दिया है. इनका कहना है कि क्योंकि इसे डीए के साथ जोड़ा गया है तो यह तभी बढ़ेगा जब डीए की दर तय प्रतिशत तक बढ़ जाएगी.

कहा जा रहा है कि सरकार से बातचीत में यह भी तय होने की संभावना है कि एचआरए की दर शहरों की कैटेगरी के अनुसार से दूसरे तय प्रतिशतों के स्तर के हिसाब से लागू हो जाए.

जानकारी के लिए बता दें कि सोमवार को इस विषय पर सरकारी पक्ष और कर्मचारी पक्ष के बीच में बातचीत हुई है.

इस संबंध में कर्मचारी यूनियनों के संयुक्त संगठन एनजेसीए के संयोजक और ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल शिव गोपाल मिश्रा ने एनडीटीवी को बताया कि इस बैठक में एचआरए के अलावा चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस, नाइट ड्यूटी अलाउंस, ओवरटाइम अलाउंस, अनरिपोर्टेड अलाउंस, स्माल फेमिली अलाउंस, रिस्क अलाउंस, कैश हैंडलिंग अलाउंस, यूनिफॉर्म (ड्रेस) अलाउंस पर भी विस्तार से बातचीत हुई.

जानकारी के लिए बता दें कि अब तक 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर कर्मचारियों की नाराजगी के बाद उठे सवालों के समाधान के लिए सरकार की ओर से तीन समितियों का गठन किया गया है. सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में अलाउंस को लेकर हुए विवाद से जुड़ी एक समिति, दूसरी समिति पेंशन को लेकर और तीसरी समिति वेतनमान में कथित विसंगतियों को लेकर बनाई गई है.

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