बुधवार को राज्यसभा गैलरी के बाहर तृणमूल कांग्रेस के सांसदों और सिक्योरिटी अधिकारियों के बीच धक्का-मुक्की की घटना को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव बढ़ता दिख रहा है. इस घटना के दौरान एक महिला सुरक्षा अधिकारी ने तृणमूल सांसदों की शिकायत राज्यसभा चेयरमैन से की है. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरुवार को कहा बुधवार को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जिसमें सांसद को सदन से कार्यवाही से बाहर कर दिया गया था. उन्होंने शीशे के गिलास को तोड़ा, एक महिला सुरक्षा अधिकारी इस धक्का-मुक्की में घायल हुई. महिला सुरक्षा अधिकारी ने इस बारे में शिकायत दर्ज की है. राज्यसभा के चेयरमैन शिकायत की समीक्षा कर रहे हैं.
इस मुद्दे पर बहस के दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जिन सांसदों को सदन की कार्यवाही से बाहर रहने का निर्देश दिया गया था, वह सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद राज्यसभा की गैलरी में जाकर अपना सामान वापस लेना चाहते थे, लेकिन उन्हें सदन में जाने से रोका गया ऐसा क्यों किया गया.
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राज्यसभा के उप नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इस घटना पर एतराज जताते हुए कहा कि सिक्योरिटी ऑफिशियल के साथ जिस तरह हाथापाई और तोड़फोड़ की गई है, इसपर हमें आपत्ति है. विपक्ष के विरोध और हंगामे के बीच गुरुवार को सरकार ने राज्यसभा में 3 और अहम बिल पारित करा लिए. आरजेडी के सांसद मनोज झा ने एनडीटीवी से कहा, "सरकार की अहंकार और गुरुर की राजनीति की वजह से संसदीय परंपरा ध्वस्त हो गई है. अगर आप 7 मिनट 8 मिनट या 10 मिनट में बिल पारित कराते हैं तो आप संसदीय प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
लोकसभा में भी पूरे दिन हंगामा चलता रहा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, "देश की जनता मुझसे पूछती है कि संसद क्यों नहीं चल रही....जनता कहती है कि हंगामा कर रहे सांसद उनका करोड़ों रूपया क्यों बर्बाद कर रहे हैं". लोकसभा के स्पीकर की कोशिशों के बावजूद सदन में हंगामा जारी रहा. इस हंगामे के बीच सरकार ने लोकसभा में टैक्सेशन लॉ अमेंडमेंट बिल पेश कर दिया, जिसके तहत रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट से टैक्स नहीं लगाया जा सकता.
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संसद के मानसून सत्र के पहले 13 दिनों में लोकसभा और राज्यसभा में 25 बिल पारित हो चुके हैं. विपक्ष सरकार पर हंगामे के बीच बिना चर्चा के एक के बाद एक बिल पारित कराने का आरोप लगा रही है. जबकि सरकार की शिकायत है कि विपक्ष के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही नहीं चल रही. विपक्ष चर्चा को तैयार नहीं, मुश्किल यह है कि इस टकराव से सबसे ज्यादा चोट संसद की गरिमा को पहुंची है.
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