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This Article is From Oct 27, 2021

'जांच एजेंसियों ने आरोपियों की मदद की थी' : गुजरात दंगा मामले में नरेंद्र मोदी को क्‍लीन चिट के खिलाफ याचिका पर SC में सुनवाई में सिब्‍बल

जाकिया की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्‍ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जांच एजेंसियों ने गुजरात दंगों के मामले में आरोपियों की मदद की थी.जांच एजेंसियों का आरोपियों की मदद का यह ट्रेंड अब कई राज्यों में हो रहा है.

'जांच एजेंसियों ने आरोपियों की मदद की थी' : गुजरात दंगा मामले में नरेंद्र मोदी को क्‍लीन चिट के खिलाफ याचिका पर SC में सुनवाई में सिब्‍बल
सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी
नई दिल्‍ली:

2002 के गुजरात दंगा मामले ( 2002 Gujarat riots)में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)को क्लीन चिट के खिलाफ जाकिया जाफरी (Zakia Jafri) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार को भी सुनवाई जारी रही. जाकिया जाफरी, दिवंगत कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं, जिनकी अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में हत्या कर दी गई थी.जाकिया की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्‍ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जांच एजेंसियों ने गुजरात दंगों के मामले में आरोपियों की मदद की थी.जांच एजेंसियों का आरोपियों की मदद का यह ट्रेंड अब कई राज्यों में हो रहा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आरोप पर आपत्ति जाहिर की और कहा, 'फिर हम हस्तक्षेप करते हैं, इस मामले में उस विचारधारा को मत लाइए. '

 सिब्बल ने कहा, 'मैं किसी राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश नहीं करना चाहता, केवल कानून के शासन को कायम रखना चाहता हूं.' मामले की जांच करने वाली SIT की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा, 'सिब्बल गुजरात के तत्कालीन सीएम (नरेंद्र मोदी) के खिलाफ आरोपों को क्यों नहीं पढ़ रहे हैं, खासकर जब जाकिया जाफरी की शिकायत के सभी आरोप गुजरात के तत्कालीन सीएम के खिलाफ हैं. पूरी विरोध याचिका तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ है. आरोप लगाया गया था कि गुजरात के सीएम ने ट्रेन जलने के बाद 72 घंटे तक कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया  हर आरोप गुजरात के तत्कालीन सीएम के खिलाफ है. वह इसे क्यों नहीं पढ़ना चाहते?  अगर ये आरोप नहीं है तो और कुछ नहीं है.' 

 सिब्बल ने कहा, 'मुझे लोगों के साथ व्यवहार करने में दिलचस्पी नहीं है. बल्कि जिस तरह से राज्य ने प्रतिक्रिया दी है, उस पर है. मैं उस स्थिति में नहीं रहना चाहता, जहां मुझे किसी ऐसी बात पर बहस करने के लिए कहा जाए जो मैं नहीं चाहता. मेरे काबिल दोस्त कीचड़ भरे पानी में भेजना चाहते हैं. मैं उनके कहने के बाद भी नहीं जाऊंगा.'मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी.

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