पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में दो गुट आपस में भिड़ गए। नौबत ये आ गई कि दोनों पक्षों की तलवारें आपस में टकरा गईं। यह टकराव उस वक्त शुरू हुआ जब अकाली दल अमृतसर पार्टी के नेता सिमरनजीत सिंह मान ने स्वर्ण मंदिर में अकाल तख्त के पास से लोगों को संबोधित करने की मांग की।
इससे अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने इनकार कर दिया। इस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी यानी एसजीपीसी के समर्थकों और अकाली दल अमृतसर के कार्यकर्ता भिड़ गए और माहौल हिंसक हो गया।
इसमें छह से ज्यादा लोग घायल बताए गए हैं। खास बात यह है कि ऑपरेशन ब्लूस्टार की 30वीं बरसी के मौके पर स्वर्ण मंदिर में हिंसा की स्थिति पैदा हुई।
इस मामले में अमृतसर से सांसद अमरिंदर सिंह का कहना है कि एसजीपीसी टास्क फोर्स को इस तरह के वाकयों को होने से रोकना चाहिए।
गौरतलब है कि ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी के मौके पर स्वर्ण मंदिर के नाम से लोकप्रिय हरमंदिर साहिब के अकाल तख्त में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान शिअद (अमृतसर) कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की। हालात उस समय बिगड़े जब अकाल तख्त प्रमुख गुरबचन सिंह अकाल तख्त से सभा को संबोधित कर रहे थे और मान ने इस दौरान रुकावट पैदा करने की कोशिश की। झड़प के दौरान कई घबराए तीर्थयात्री सुरक्षा के लिए भागे।
इस बीच कट्टरपंथी संगठन दल खालसा द्वारा आहूत बंद के मद्देनजर अमृतसर में कई स्थानों पर दंगा विरोधी पुलिस के 1500 जवान तैनात किए गए हैं।
ज्ञातव्य है कि जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व वाले सिखों को स्वर्ण मंदिर से बाहर निकालने के लिए 6 जून 1984 को ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाया गया था। इस अभियान के दौरान भिंडरावाले और उनके साथी मारे गए थे।
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