विज्ञापन
Story ProgressBack

किन बच्चों में होता है थैलेसीमिया रोग? जानिए कारण, लक्षण और इस जेनेटिक रोग का पता लगाने का तरीका

Thalassemia Day 2024: थैलेसीमिया जेनेटिक डिसऑर्डर है जो ब्लड पैलेट्स को नष्ट कर सकते हैं. बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि थैलेसीमिया किन कारणों से होता है. यहां इसके लक्षण, कारण और टेस्टिंग के बारे में सब कुछ बताया गया है.

किन बच्चों में होता है थैलेसीमिया रोग? जानिए कारण, लक्षण और इस जेनेटिक रोग का पता लगाने का तरीका
Thalassemia Day 2024: थैलेसीमिया एक जन्मजात रोग है.

World Thalassemia Day 2024: थैलेसीमिया एक गंभीर ब्लड डिजीज है जो खून में हीमोग्लोबिन लेवल को कम कर देता है. हीमोग्लोबिन ब्लड को ऑक्सीजन पहुंचाने का मुख्य तत्व होता है और थैलेसीमिया के रोगी को इसमें कमी हो जाती है, जिससे उन्हें अनेक ब्लड रिलेटेड प्रोब्लम्स का सामना करना पड़ता है. थैलेसीमिया एक जन्मजात रोग है जो लोगों के खून में हीमोग्लोबिन की सही मात्रा को नुकसान पहुंचाता है. इस रोग के कारण शरीर खून को सही से ट्रांसपोर्ट नहीं कर पाता है. यह रोग बच्चों में सबसे ज्यादा अर्ली एज में प्रकट होता है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है.

यह भी पढ़ें: हेयर फॉल के लिए हर बार डाइट और आनुवांशिकी को दोष न दें, इन 5 मेडिकल कंडिशन के कारण भी झड़ने लगते हैं बाल

थैलेसीमिया का कारण (Cause of Thalassemia)

थैलेसीमिया एक जेनेटिक डिसऑर्डर है. इसमें जीनों में मिलाप होता है जो हीमोग्लोबिन प्रोडक्शन को प्रेरित करते हैं. अगर जीनों में कोई बैरियर होता है, तो हीमोग्लोबिन का पैरलर उत्पादन होता है, जो थैलेसीमिया का कारण बनता है.

किन बच्चों में होता है थैलेसीमिया? (Which children have thalassemia)

थैलेसीमिया एक आनुवांशिक रोग होता है, इसलिए यह उन बच्चों को प्रभावित करता है जिनके माता-पिता में थैलेसीमिया का संदेह होता है. यह रोग दो प्रकार का होता है: बीटा थैलेसीमिया और अल्फा थैलेसीमिया. बीटा थैलेसीमिया उन बच्चों में होता है जिनके पास बीटा-थैलेसीमिया जीन की कमी होती है, जबकि अल्फा थैलेसीमिया उन बच्चों में होता है जिनके पास अल्फा-थैलेसीमिया जीन की कमी होती है.

थैलेसीमिया का पता कैसे लगाएं? (How to detect Thalassemia?)

थैलेसीमिया का पता लगाने का सबसे सटीक तरीका जेनेटिक टेस्टिंग है, जो जीन में किसी भी डिसऑर्डर को पहचान सकता है. यह टेस्ट जन्म से ही किया जा सकता है या जब भी संभावित थैलेसीमिया के लक्षण प्रकट होते हैं.

यह भी पढ़ें: मोटा पेट निकलने से जीरो हो गई है पर्सनालिटी, तो सुबह करें ये काम, नेचुरल तरीके से बैली फैट घटाने में मिलेगी मदद

थैलेसीमिया के लक्षण कैसे पहचानें? (How to recognize the symptoms of Thalassemia?)

थैलेसीमिया के संकेतों को पहचानना जरूरी है. यह रोग कई लक्षण दिखाता है जैसे कि कमजोरी, थकान, छोटे साइज का शरीर, पीलेपन, छिद्रदार त्वचा, आंखों में पीलापन, हार्ट और फेफड़ों के विकार, उच्च फीवर आदि. बच्चों में अगर ये लक्षण पाए जाते हैं, तो टेस्ट और उपचार के लिए तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

थैलेसीमिया को तत्काल न पहचानने पर यह बहुत हानिकारक हो सकता है. अगर आपके परिवार में किसी को थैलेसीमिया है, तो बच्चे के जन्म के समय और उसके बाद नियमित जांच करवाना अत्यंत आवश्यक है. इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान भी इसकी जांच करवाना जरूरी है ताकि आपके बच्चे को सही समय पर सही इलाज मिल सके.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
सुबह बाल धोने से पहले इस तरह लगाओ Aloevera, दुगनी तेजी से बढ़ेंगे बाल होंगे घने और सिल्की
किन बच्चों में होता है थैलेसीमिया रोग? जानिए कारण, लक्षण और इस जेनेटिक रोग का पता लगाने का तरीका
बरसात के मौसम में नहीं टूटेगा एक भी बाल, जावेद हबीब ने शेयर किए Monsoon Hair Care tips
Next Article
बरसात के मौसम में नहीं टूटेगा एक भी बाल, जावेद हबीब ने शेयर किए Monsoon Hair Care tips
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;