
World TB Day 2025: टीबी एक पुरानी और सीरीयस बीमारी है, जो मुख्य रूप से हमारे फेफड़ों को प्रभावित करती है. यह बीमारी किसी बैक्टीरिया के इंफेक्शन के कारण होती है, जिसे माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस कहा जाता है. यह बैक्टीरिया आमतौर पर उन लोगों के शरीर में फैलता है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है या जो सेहत से जुड़ी दूसरी समस्याओं से ग्रस्त होते हैं. जब एक व्यक्ति खांसता, छींकता या बात करता है, तो ये बैक्टीरिया हवा में फैलकर दूसरों को प्रभावित कर सकते हैं. हालांकि यह एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन इसके लक्षण धीरे-धीरे डेवलप होते हैं और सही समय पर इलाज न मिलने पर यह गंभीर रूप से विकसित हो सकती है. इस आर्टिकल में हम टीबी के बारे में विस्तार से जानेंगे.
टीबी के लक्षण, कारण और इलाज (TB Symptoms, Causes And Treatment)
टीबी के कारण (Causes of TB)
टीबी के मुख्य कारणों में प्रमुख रूप से माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया का इंफेक्शन शामिल है. यह बैक्टीरिया शरीर के अंदर मुख्य रूप से फेफड़ों में प्रवेश करता है, लेकिन कभी-कभी यह शरीर के दूसरे हिस्सों जैसे हड्डियां, किडनी, ब्रेन या स्वरयंत्र को भी प्रभावित कर सकता है. यह बैक्टीरिया उन व्यक्तियों में जल्दी फैलता है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो. इसके अलावा, टीबी का इंफेक्शन उन स्थानों पर भी तेजी से फैल सकता है जहां लोग एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं, जैसे- जेल, नर्सिंग होम या अस्पताल. इसके इंफेक्शन का फैलाव मुख्य रूप से खांसी, छींकने या बात करने के दौरान हवा में छोड़ी गई छोटी-छोटी बूंदों से होता है. इन बूंदों में बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं, जिन्हें कोई स्वस्थ व्यक्ति अगर सांस के जरिए अंदर लेता है, तो उसे टीबी का इंफेक्शन हो सकता है.
यह भी पढ़ें: मेहनत करने के बाद भी इन 5 कारणों की वजह से कम नहीं हो पाता है वजन, एक्सपर्ट ने बताया
टीबी के लक्षण (Symptoms of TB)
टीबी के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं और इनमें समय के साथ वृद्धि हो सकती है. इसके लक्षण अलग-अलग स्टेज में हो सकते हैं
1. प्राइमरी इंफेक्शन
यह शुरुआती स्टेज है जिसमें इंफेक्शन के बाद शरीर का इम्यून सिस्टम बैक्टीरिया से लड़ता है. इस दौरान कुछ हल्के लक्षण हो सकते हैं जैसे बुखार, थकान, हल्की खांसी और भूख में कमी. इस चरण में ज्यादातर मामलों में कोई खास लक्षण नहीं दिखते.
2. गुप्त (लेटेंट) टीबी इंफेक्शन
इस स्टेज में, बैक्टीरिया शरीर में तो रहते हैं, लेकिन वे पूरी तरह से एक्टिव नहीं होते. इस स्टेज में किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं होते और व्यक्ति इस स्टेज में दूसरे लोगों को इंफेक्शन नहीं फैला सकता.
यह भी पढ़ें: इन फलों को बीज सहित कभी न खाएं, किडनी स्टोन से लेकर कई दिक्कतें हो सकती हैं
3. एक्टिव टीबी रोग
यह तब होता है जब बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं और फेफड़ों या शरीर के दूसरे हिस्सों में इंफेक्शन फैलाते हैं. इसके लक्षण ज्यादा सीरीयस होते हैं और इनमें शामिल हो सकते हैं
- खांसी (कुछ मामलों में खून भी आ सकता है)
- छाती में दर्द
- बुखार और रात को पसीना आना
- वजन कम होना
- भूख न लगना
- थकान और कमजोरी
जब टीबी फेफड़ों से बाहर के हिस्सों में फैलता है, तो शरीर के अलग-अलग बॉडी पार्ट में सूजन या दर्द फील हो सकता है.
टीबी का इलाज (Treatment of TB)
टीबी का इलाज एक लंबी प्रोसेस है और इसके लिए दवाइयों का नियमित सेवन बेहद जरूरी है. टीबी के इलाज के लिए मुख्य रूप से एंटीबायोटिक दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है. इन दवाओं का पूरा कोर्स 6 महीने से लेकर 9 महीने तक चल सकता है.
सामान्य तौर पर, अगर किसी व्यक्ति को एक्टिव टीबी है, तो उसे डॉक्टर की निर्धारित की गई दवाइयां पूरी तरह से लेने की सलाह दी जाती है, ताकि बैक्टीरिया पूरी तरह से नष्ट हो जाएं और इंफेक्शन का फैलाव न हो. दवाइयों का गलत तरीके से सेवन या इलाज को बीच में ही छोड़ देना दवा-प्रतिरोधी टीबी (Drug-resistant TB) का कारण बन सकता है, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है.
यह भी पढ़ें: सुबह खाली पेट शहद में डुबोकर खाएं एक कली लहसुन, शरीर से भाग जाएंगी ये 5 बीमारियां
टीबी से बचाव के उपाय (Measures to prevent TB)
1. टीकाकरण: बच्चों को टीबी से बचाने के लिए बीसीजी (BCG) वैक्सीन दिया जाता है, जो ब्रेन और रीढ़ की हड्डी के आसपास के तरल पदार्थ में होने वाली टीबी से बचाव करता है.
2. स्वच्छता और सामाजिक दूरी: जब किसी व्यक्ति को एक्टिव टीबी हो, तो उसे दूसरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए और खांसते या छींकते वक्त अपना मुंह ढकना चाहिए. घर के अंदर पर्याप्त वेंटिलेशन और हवा का आदान-प्रदान भी जरूरी है.
3. सही इलाज: अगर किसी को गुप्त TB का पता चलता है, तो उसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार इलाज शुरू करना चाहिए, ताकि यह इंफेक्शन एक्टिव रूप में न बदल सके.
4. सोशल अवेयरनेस: टीबी के प्रति अवेयरनेस बढ़ाने की जरूरत है ताकि लोग जल्दी से जल्दी इसका इलाज करवा सकें और दूसरों को इससे बचा सकें.
दवा-प्रतिरोधी TB (Drug-Resistant TB)
ड्रग रेसिस्टेंस TB एक सीरियस प्रॉब्लम बन चुकी है. जब बैक्टीरिया दवाओं के असर से बचने की क्षमता डेवलप कर लेते हैं, तो इसे ड्रग रेसिस्टेंस TB कहा जाता है. इस प्रकार की TB का इलाज ज्यादा मुश्किल होता है और इसके लिए ज्यादा समय और पावरफुल दवाइयों की जरूरत होती है. ड्रग रेसिस्टेंस TB तब होता है जब लोग दवाइयां सही तरीके से नहीं लेते या इलाज को बीच में छोड़ देते हैं. इस स्थिति को रोकने के लिए दवाइयों का सही इस्तेमाल और डॉक्टर की सलाह के अनुसार इलाज बेहद जरूरी है.
टीबी के रिस्क फैक्टर (Risk Factors For TB)
कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनमें TB होने का खतरा ज्यादा होता है, इनमें शामिल हैं-
- हेल्थ कंडिशन्स: एचआईवी/एड्स, मधुमेह, कुपोषण या किसी दूसरे सीरियस बीमारी से ग्रस्त लोग.
- उम्र: बच्चों में 5 साल से कम उम्र के और 65 साल से अधिक उम्र के लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं.
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर रहना: जैसे जेल, नर्सिंग होम या भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र.
Watch Video: लंग कैंसर और टीवी में कैसे अंतर करें, कौन से लक्षणों पर रखें नजर?
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं