बेंगलुरु में डॉक्टरों ने हाल ही में एक महिला का ऑपरेशन किया, जिसके सिर पर एक उभरी हुई गांठ थी जो "कंचे की बोरी" जैसी दिखने वाली थी. श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों ने जर्नल रेडियोलॉजी में "असामान्य" पीड़ा के बारे में विस्तार से बताया. 52 वर्षीय महिला ने डॉक्टरों को बताया कि बचपन से ही उसके सिर पर उभार बढ़ रहा था, लेकिन उसने अब तक कभी भी मेडिकल हेल्प नहीं मांगी थी. डॉक्टरों ने कहा कि उसे "दर्द रहित, धीरे-धीरे बढ़ती स्कैल्प में सूजन" की समस्या थी, जो लगभग 6 इंच लंबी, 4 इंच चौड़ी और लगभग 5 इंच लंबी हो गई थी.
उभार को हटाने पर डॉक्टरों ने क्या देखा...
एमआरआई स्कैन में महिला के सिर के पीछे मांसल बालों के जूड़े की तरह सिस्ट दिखाई दी. उभार को हटाने पर डॉक्टरों ने देखा कि घाव लिक्विड, बाल और फैटी मॉलिक्यूल के साथ "मोटे बाहरी किनारों" और कई आकार के केराटिन बॉल से भरा हुआ था.
केराटिन एक प्रोटीन है जो बालों, नाखूनों और त्वचा की बाहरी परत के लिए आधार बनाने में मदद करता है. क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, इन छोटी बॉल्स को वैज्ञानिक हलकों में डर्मोइड सिस्ट के रूप में जाना जाता है. वे मूल रूप से टिश्यू के गोले हैं जो एमब्रायोलिक सेल से बनते हैं और उनमें "बाल, टीथ और नर्व्स" हो सकती हैं. ये ग्लोब्यूल्स अक्सर सिर और गर्दन में बनते हैं लेकिन रोगी के अंडाशय या शरीर के अन्य हिस्सों में भी मौजूद हो सकते हैं.
यह अभी भी साफ नहीं है कि ये जन्मजात अंग क्यों उगते हैं, हालांकि, डॉक्टरों के अनुसार ये आमतौर पर हानिरहित और दर्द रहित होते हैं. हालांकि, गमबल्स संक्रमण से लेकर आस-पास की हड्डियों को नुकसान जैसी जटिलताएं पैदा कर सकता है.
महिला ने सूजन की जांच में इतनी देरी क्यों की?
बेंगलुरु की महिला के मामले में, अध्ययन से यह पता नहीं चला कि मरीज ने अपनी सूजन की जांच के लिए इतना लंबा इंतजार क्यों किया, हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि सूजन दर्द रहित थी. ग्रोथ को सफलतापूर्वक हटाने के बाद डॉक्टरों ने छह महीने तक उसकी प्रोग्रेस पर नजर रखी, जिसके बाद उन्होंने पाया कि ग्रोथ दोबारा नहीं हुई.
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