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भारत के लोगों में क्यों होता है सिर और गर्दन का कैंसर सबसे ज्यादा? 2040 तक 2.1 मिलियन नए मामलों का अनुमान

Head And Neck Cancer Causes: भारत में कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ रही है. ग्लोबोकैन 2020 के अनुसार, 2040 तक भारत में कैंसर के 2.1 मिलियन नए मामले सामने आएंगे, जो 2020 से 57.5 प्रतिशत ज्यादा है.

भारत के लोगों में क्यों होता है सिर और गर्दन का कैंसर सबसे ज्यादा? 2040 तक 2.1 मिलियन नए मामलों का अनुमान
भारत में सिर और गर्दन का कैंसर सबसे आम है.

Head And Neck Cancer: हेल्थ एक्सपर्ट्स ने रविवार को कहा कि भारत में तंबाकू और उससे रिलेटेड प्रोडक्ट्स के बढ़ते सेवन से सिर और गर्दन के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. सिर और गर्दन के कैंसर में जीभ, मुंह और ग्रसनी के अन्य भागों जैसे ऑरोफरीनक्स, नासोफरीनक्स, हाइपोफरीनक्स, लार ग्रंथियों, नाक गुहा, स्वरयंत्र आदि में होने वाले कैंसर शामिल हैं. सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी के सलाहकार प्रीतम कटारिया ने आईएएनएस को बताया, "ओरल कैंसर का प्रमुख कारण तंबाकू और तंबाकू से संबंधित उत्पाद, सुपारी और धूम्रपान, शराब है. कभी-कभी एचपीवी संक्रमण भी इसका कारण बन सकता है."

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भारत में सिर और गर्दन का कैंसर सबसे आम:

सिर और गर्दन के कैंसर को कम करने के लिए विशेषज्ञ ने "तंबाकू और तंबाकू से संबंधित उत्पादों और शराब के सेवन के संबंध में सख्त नियमन" की मांग की. प्रीतम ने कहा, "अगर तंबाकू और उससे संबंधित उत्पादों को हटा दिया जाए, तो सिर और गर्दन के कैंसर की ज्यादातर घटनाएं अंततः कम हो जाएंगी. यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि लोगों में जागरूकता और व्यवहार में बदलाव कैंसर की रोकथाम के कुछ कठिन पहलू हैं." भारत में सिर और गर्दन का कैंसर सबसे आम है, जो सभी कैंसर के मामलों में से 30 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है. भारत में इसका बोझ अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और ब्राजील से भी ज्यादा है.

भारत में कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ रही है. ग्लोबोकैन 2020 के अनुसार, 2040 तक भारत में कैंसर के 2.1 मिलियन नए मामले सामने आएंगे, जो 2020 से 57.5 प्रतिशत ज्यादा है.

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इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर हेड एंड नेक कैंसर इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक और सर्जन प्रथमेश पई ने तंबाकू, सुपारी और शराब के नुकसान के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया.

उन्होंने आईएएनएस से कहा, "युवाओं द्वारा इन आदतों को अपनाने से रोकने के लिए माता-पिता और स्कूलों को शामिल करें, युवाओं को तंबाकू, सुपारी और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए सार्वजनिक अभियान चलाएं, तंबाकू, सुपारी और शराब के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाएं."

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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