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अक्सर रात या सुबह-सुबह ही क्यों आता है हार्ट अटैक? जानिए इसके पीछे का बड़ा कारण और बचाव का तरीका

आयुर्वेद में हृदय को सुरक्षित रखने के कई उपाय बताए गए हैं. रात को सोने से पहले गुनगुना पानी पीने से पाचन सुधरता है और हृदय पर दबाव कम होता है.

अक्सर रात या सुबह-सुबह ही क्यों आता है हार्ट अटैक? जानिए इसके पीछे का बड़ा कारण और बचाव का तरीका
अगर रात में सीने में भारीपन, बाईं बांह या जबड़े में दर्द, ठंडा पसीना, अचानक सांस फूलना या चक्कर जैसे लक्षण महसूस हों, तो इन्हें नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

Heart attack cause : हार्ट अटैक अक्सर रात या सुबह-सुबह क्यों आता है? यह सवाल कई लोगों के मन में रहता है. अक्सर लोग सोचते हैं कि हार्ट अटैक सिर्फ तनाव का नतीजा होता है, लेकिन इसके पीछे हमारे शरीर की जैविक घड़ी यानी सर्केडियन रिदम भी बड़ी भूमिका निभाती है.

बायोलॉजिकल क्लॉक होती है हार्ट अटैक की वजह

हमारी बॉडी की जैविक घड़ी दिन-रात के अनुसार अंगों के काम को नियंत्रित करती है. रात के समय, खासकर 2 से 5 बजे के बीच, ब्लड प्रेशर और हृदय की धड़कनें सबसे धीमी होती हैं. अगर हृदय पहले से कमजोर है तो इस दौरान थोड़ी भी कमी रक्त प्रवाह में दिल पर दबाव डाल सकती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

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कोर्टिसोल हार्मोन होती है वजह

इसके अलावा, सुबह-सुबह शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे रक्त गाढ़ा हो जाता है और प्लेटलेट्स चिपकने लगते हैं. इससे ब्लड क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है.

स्लीप एपनिया

नींद के दौरान कुछ लोग खर्राटे लेते हैं और सांस लेने में रुकावट आती है, जिसे स्लीप एपनिया कहते हैं. इससे ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और दिल पर अचानक स्ट्रेस पड़ सकता है.

एसिड रिफ्लक्स

रात में भारी या तला-भुना खाना खाने के बाद तुरंत लेटने से एसिड रिफ्लक्स और गैस हृदय पर दबाव डालते हैं. इसके अलावा, दिनभर का तनाव और चिंता रात में भी खत्म नहीं होती, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और अनियमित धड़कन हो सकती है.

हार्ट अटैक के लक्षण

अगर रात में सीने में भारीपन, बाईं बांह या जबड़े में दर्द, ठंडा पसीना, अचानक सांस फूलना या चक्कर जैसे लक्षण महसूस हों, तो इन्हें नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

हार्ट अटैक को हेल्दी रखने के आयुर्वेदिक उपाय

आयुर्वेद में हृदय को सुरक्षित रखने के कई उपाय बताए गए हैं. रात को सोने से पहले गुनगुना पानी पीने से पाचन सुधरता है और हृदय पर दबाव कम होता है.

अर्जुन की छाल का काढ़ा

अर्जुन की छाल का काढ़ा या चूर्ण दूध में उबालकर रोज पीने से हृदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और ब्लड फ्लो संतुलित रहता है.

लहसुन खाने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है और धमनियों को साफ रखा जा सकता है. तुलसी और शहद का सेवन रक्त में ऑक्सीजन बढ़ाता है और हृदय की थकान घटाता है.

अनुलोम-विलोम करें

रात में 10 मिनट ध्यान या श्वास अभ्यास जैसे अनुलोम-विलोम और भ्रामरी करने से हृदय की गति स्थिर रहती है और मानसिक शांति मिलती है.

गुनगुना पानी या अजवाइन और काला नमक लें

यदि अचानक सीने में भारीपन हो तो गुनगुना पानी या अजवाइन और काला नमक लें. घबराहट महसूस हो तो गहरी सांसें लें और शरीर को सीधा रखें.

योग और सैर करें

इसके अलावा, हृदय को स्वस्थ रखने के लिए रोज हल्की सैर या योग करें, धूम्रपान और शराब से दूर रहें, नमक कम लें, तनाव कम लें और पर्याप्त नींद लें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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