Weather Health Risks: उत्तर भारत इस समय कड़ाके की ठंड की चपेट में है और कानपुर भी इससे अछूता नहीं है. ठंडी हवाएं, गिरता तापमान और धूप की कमी ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है. लेकिन, इस ठंड का असर सिर्फ रोजमर्रा की जिंदगी तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों की सेहत पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है. खासकर दिल और दिमाग से जुड़ी गंभीर बीमारियों के मामलों में अचानक तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है.
जानकारी के अनुसार, कानपुर के स्थानीय अस्पतालों में, पिछले सात दिनों में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के कारण 100 से ज्यादा लोगों को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया. यह आंकड़ा न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि यह भी दिखाता है कि ठंड के मौसम में सावधानी न बरतना कितना खतरनाक साबित हो सकता है. डॉक्टरों का कहना है कि सर्दियों में शरीर पर एक्स्ट्रा दबाव पड़ता है, जिससे पहले से कमजोर दिल और ब्लड वेसल्स पर बुरा असर पड़ता है.
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अस्पतालों पर बढ़ा दबाव
जानकारी के मुताबिक, अस्पताल में लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी लगातार मरीजों की देखभाल में जुटे हुए हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव साफ नजर आ रहा है.
ज्यादातर मरीज सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, अचानक कमजोरी, हाथ-पैर सुन्न होने या बोलने में परेशानी जैसी शिकायतों के साथ पहुंच रहे हैं. इनमें से कई मामलों में स्थिति गंभीर होती है, क्योंकि मरीज देर से अस्पताल पहुंचते हैं.
सर्दियों में क्यों बढ़ता है हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा?
कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर टी.एस. क्लेर के अनुसार, ठंड के मौसम में शरीर की ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. जिन, लोगों को पहले से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल या दिल की बीमारी है, उनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
इसके अलावा सर्दियों में लोग फिजिकल एक्टिविटी कम कर देते हैं, पानी कम पीते हैं और भारी व तला-भुना खाना ज्यादा खाने लगते हैं. ये सभी आदतें खून को गाढ़ा बनाती हैं, जिससे ब्लॉकेज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
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बचाव ही सबसे बेहतर उपाय:
डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के मौसम में कुछ सावधानियां अपनाकर जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
- सुबह-शाम ठंड में बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनें.
- नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच कराएं.
- हल्का और संतुलित भोजन करें, नमक और तले-भुने खाने से बचें.
- पर्याप्त पानी पिएं, भले ही प्यास कम लगे.
- हल्की-फुल्की एक्सरसाइज या टहलना जारी रखें.
कानपुर में बढ़ते हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले यह साफ संकेत हैं कि सर्दियों को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है. समय पर लक्षणों की पहचान और तुरंत इलाज ही जान बचा सकता है. ठंड के इस मौसम में सतर्कता, सही रूटीन और डॉक्टर की सलाह का पालन करना बेहद जरूरी है, ताकि दिल और दिमाग दोनों को सुरक्षित रखा जा सके.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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