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सेक्स एजुकेशन क्या है, बच्‍चों को कब, कैसे और किस उम्र में देनी चाहिए इसकी शिक्षा? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

देश की बेतहाशा बढ़ती आबादी, सेक्स से संबंधित अपराधों के बढ़ते मामले और बढ़ते यौन संचारित रोगों के मद्देनजर खुले दिमाग से सेक्स को लेकर स्वस्थ चर्चा की हमेशा जरूरत बनी रहती है.

सेक्स एजुकेशन क्या है, बच्‍चों को कब, कैसे और किस उम्र में देनी चाहिए इसकी शिक्षा? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जानिए सेक्स एजुकेशन देने के लिए क्या होती है सही उम्र.

Sex Education: आधुनिक दौर में भी सेक्स एजुकेशन को लेकर देश के बड़े हिस्से में आज टैबू पूरी तरह खत्म होता नहीं दिख रहा है. सेक्स शिक्षा से जुड़ी बातों को आज भी दबी जुबान में डिस्कस करने की आदत खत्म नहीं हुई है. जबकि देश की बेतहाशा बढ़ती आबादी, सेक्स से संबंधित अपराधों के बढ़ते मामले और बढ़ते यौन संचारित रोगों के मद्देनजर खुले दिमाग से सेक्स को लेकर स्वस्थ चर्चा की हमेशा जरूरत बनी रहती है. आइए, एक्सपर्ट से जानते हैं कि सेक्स एजुकेशन क्या है, ये क्यों जरूरी है और बच्‍चों को कब, कैसे और किस उम्र में इसकी शिक्षा देनी चाहिए?

सेक्स एजुकेशन क्या है, आखिर ये क्यों इतना जरूरी होता है? ( What is Sex Education)

जानी-मानी सेक्सुअल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर निधि झा ने इस बारे में एनडीटीवी के साथ चर्चा करते हुए बहुत विस्तार से सटीक जानकारी दी, उन्होंने बताया कि सुरक्षित सेक्स के लिए सेक्स एजुकेशन बेहद जरूरी है. सेक्स एजुकेशन से हमें यह पता चलता है कि किस उम्र में और कैसे सेफ सेक्स करना चाहिए. इसके लिए क्या-क्या जरूरतें होती हैं और इस दौरान हमें किन चीजों से हमें बचना चाहिए. साथ ही यह जानना कि किस उम्र तक सुरक्षित तरीके से सेक्स किया जा सकता है. अपने शरीर के प्लैजर के बारे में बेहतर तरीके से जानना भी सेक्स एजुकेशन है.

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बच्‍चों को कब, कैसे और किस उम्र में देनी चाहिए सेक्स एजुकेशन? (Should Children Be Given Sex Education)

डॉक्टर निधि झा ने बताया कि बच्चों के लिए आमतौर पर दो-तीन साल की उम्र से ही सेक्स एजुकेशन की शुरुआत कर देनी चाहिए. गुड टच और बैड टच के बारे में बताया जाना भी एक तरह का सेक्स एजुकेशन ही है. इसलिए ये सोचना गलत है कि सेक्स एजुकेशन सिर्फ एडल्ट लोगों के लिए ही है. ये सबसे बड़ा मिथ है कि 18 साल से ऊपर उम्र वालों के लिए ही सेक्स एजुकेशन की जरूरत है. डॉक्टर झा ने कहा कि ये अलग बात है कि बच्चों के लिए, किशोरों यानी प्री-टिन एज के लिए और एडल्ट यानी नौजवानों के लिए सेक्स एजुकेशन की प्रक्रिया अलग-अलग होती है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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