Chanakya Niti: अपनी लाइफ को शानदार बनाना भला कौन नहीं चाहता, लेकिन आमतौर पर सबकी जिंदगी उतनी खूबसूरत नहीं हो पाती. नाकामी और बुरे हालातों के लिए लोग कोई न कोई बहाना जरूर बनाते हैं, जबकि इसकी सबसे बड़ी वजह उनकी खुद की गलतियां ही होती हैं. राजनीति और अर्थशास्त्र के अलावा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों सालों से लोगों का मार्गदर्शन करने वाले विद्वान आचार्य चाणक्य ने ऐसी गलतियों से बचने को लेकर हिदायत दी हुई है.
आचार्य चाणक्य ने किया नौजवानों को गलतियों से सावधान
भारत के सबसे बुद्धिमान आचार्यों में से एक चाणक्य ने अपनी नीतियों में जवानी में की जाने वाली गलतियों से लोगों को सावधान किया है. उन्होंने कहा है कि अगर लोग जिंदगी की शुरुआत में इन खास गलतियों को करने से बचे तो आगे एक काफी सुखद और समृद्ध लाइफ को इंजॉय कर सकते हैं. आइए, चाणक्य नीति में बताए उन गलतियों के बारे में जानते हैं जिन्हें करने से युवाओं को हर हाल में बचना चाहिए, नहीं तो आगे चलकर जिंदगी बर्बाद होने की आशंका बढ़ जाती है.
पढ़ाई से जी चुराना : चाणक्य नीति के मुताबिक, अगर जवानी के दिनों में आप अच्छी शिक्षा और हुनर नहीं हासिल करते हैं तो आपको आने वाले समय और करियर में तमाम तरह की दिक्कतों और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. शुरुआती लाइफ में की गई आपकी ये गलती आपको आगे जीवनभर परेशान कर सकती है.
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कामचोरी या आगे टालने की आदत: आचार्य चाणक्य ने युवाओं को साफ संदेश दिया है कि अगर जवानी के दिनों में कामचोरी की या किसी भी काम को तुरंत खत्म करने की जगह आनाकानी करते हैं या आगे के लिए टाल देते हैं तो यह गलत आदत है. उन्होंने कहा कि जवानी में समय का सही इस्तेमाल नहीं करने पर आगे की लाइफ में आपको अपने लक्ष्य प्राप्त करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है.
पैसों की बचत की जगह बेतहाशा खर्च: चाणक्य नीति के मुताबिक, जो लोग अपने नौजवानी के समय में सोचे समझे बगैर रुपए-पैसे खर्च करते हैं और आगे के लिए कोई प्लानिंग नहीं करते हैं तो उन्हें आगे चलकर आर्थिक तंगी और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
गलत लोगों से संगति: आचार्य चाणक्य ने साफ कहा है कि युवा अवस्था में गलत संगति से सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि ये उम्र बहुत संवेदनशील होती है. इस उम्र में गलत लोगों का असर पड़ना और बुरी आदतों का लगना आगे की लाइफ और होने वाली तरक्की में रुकावट डालती है.
शारीरिक और मानसिक सेहत के मामले में लापरवाही: चाणक्य नीति में साफ कहा गया है कि अगर लोग जवानी में अपने शारीरिक और मानसिक सेहत का ध्यान नहीं रखते और लापरवाही करते हैं तो आगे चलकर तमाम तरह की बीमारियों और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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