Symptoms, Of Hyperspermia: कई लोग हाइपरस्पर्मिया के बारे मे अंजान हैं. यह एक असामान्य स्थिति है जो पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है. शोध के अनुसार, लगभग 4 प्रतिशत पुरुषों में इस स्थिति का निदान पाया गया है. हाइपरस्पर्मिया का किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है. हालांकि, इसमें पुरुष प्रजनन क्षमता को कम करने की क्षमता होती है. आजकल तनाव, गलत लाइफ स्टाइल और बढती उम्र में बच्चे पैदा करना जैसे अनेक कारणो से केवल भारत में नहीं बल्कि हर जगह बांझपन के मामले बढ़ते जा रहे हैं.
जानें हाइपरस्पर्मिया बारे में...
हाइपरस्पर्मिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें आदमी सामान्य से अधिक वीर्य पैदा करता है. संभोग के दौरान जिस तरल पदार्थ का पुरुष स्खलन करता है उसे वीर्य कहते हैं, जिसमें प्रोस्टेट ग्रंथि से शुक्राणु और द्रव होता है. आमतौर पर इस वीर्य द्रव का औसत स्तर 2-5 मिली होता है, लेकिन हाइपरस्पर्मिया की समस्या होने पर इसकी मात्रा 5.5 मिली तक पहुंच सकती है.
हाइपरस्पर्मिया के लक्षण क्या हैं? | Symptoms Of Hyperspermia?
अगर आप माता-पिता बनने के लिए उत्सुक हैं और आप अपनी संभावनाओं से समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं, तब तक इस समस्या का जल्द से जल्द इलाज शुरू करना सबसे अच्छा तरिका है.
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नीचे दिए गए कुछ सबसे सामान्य हाइपरस्पर्मिया लक्षणों की पहचान करें:
- स्खलन के दौरान औसत से अधिक वीर्य द्रव.
- हाइपरस्पर्मिया वाले पुरुषों को अपने साथी को गर्भधारण करने में अधिक कठिनाई हो सकती है. अगर उनकी जीवनसाथी गर्भवती हो भी जाती है, तो उसमें गर्भपात का आंशिक जोखिम होता है.
- हाइपरस्पर्मिया वाले कुछ पुरुषों में सामान्य पुरुषों की तुलना में अधिक यौन इच्छा होती है.
- स्खलित शुक्राणु का रंग कुछ पीला सफेद होता है.
- इस स्थिति से पीड़ित पुरुषों को अक्सर स्खलन के दौरान थोड़ी परेशानी का अनुभव होता है.
हाइपरस्पर्मिया के कारण क्या हैं? | Causes Of Hyperspermia?
- हालांकि हाइपरस्पर्मिया का सटीक कारण अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है, मात्र कुछ कारक इस दुर्लभ विकार को बढावा दे सकते हैं:
- संभोग के बीच लंबे अंतराल कि वजह से शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि होती है.
- यौन प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए बाजार में उपलब्ध कई गोलियां वीर्य के स्तर को बढ़ाती हैं.
- यौन प्रदर्शन को बढ़ाने वाली दवाओं और प्रोडक्ट्स का उपयोग करने से शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि हो सकती है.
- स्टेरॉयड के सेवन से यह विकार हो सकता है.
- विशेषज्ञों के अनुसार यह समस्या प्रोस्टेट संक्रमण के कारण बढ सकती है.
- ज्यादा मात्रा में फाइबर, प्रोटीन और पोषक तत्वों वाले फूड्स खाने से कुछ लोगों में वीर्य कि मात्रा बढा सकती है.
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क्या हाइपरस्पर्मिया बांझपन का कारण बनता है? | Does Hyperspermia Cause Infertility?
हाइपरस्पर्मिया पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है. अधिक वीर्य वाले कुछ पुरुषों के स्खलन द्रव में दुसरों के तुलना में शुक्राणु कि मात्रा कम होती हैं. यह तरल द्रव प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. कुछ परिस्थितियों में हाइपरस्पर्मिया के परिणामस्वरूप बांझपन हो सकता है.
दूसरी ओर, कम शुक्राणुओं की संख्या किसी व्यक्ति को पूर्ण रूप से बांझ नहीं बनाता, सिर्फ अपने साथी को गर्भधारण करने की क्षमता को कम करता है. इस स्थिति के साथ बच्चा पैदा करना अभी भी संभव है.
हाइपरस्पर्मिया का निदान | Diagnosis Of Hyperspermia
फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट एक शारीरिक परीक्षण के साथ नीचे दिए गए परीक्षणों से गुजरने के सलाह देते हैं:
- हार्मोन टेस्ट
- वीर्य विश्लेषण
- इमेजिंग
हाइपरस्पर्मिया के लिए कौन से उपचार उपलब्ध हैं? | What Treatments Are Available For Hyperspermia?
जब तक कि यह प्रजनन संबंधी समस्याएं पैदा नहीं कर रहा हो और आपके साथी को गर्भवती करने की आपकी क्षमता को प्रभावित नहीं कर रहा हो, तब तक हाइपरस्पर्मिया को उपचार की जरूरत नहीं होती है.
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शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए फर्टीलिटी स्पेशलिस्ट आपको दवा लिख के दे सकते है. साथ ही वह आपके वृषण से शुक्राणु को पुनः प्राप्त करने के लिए शुक्राणु पुनर्प्राप्ति तकनीक का भी उपयोग कर सकते है. आईवीएफ विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा शुक्राणु निकालने के बाद इसका उपयोग आईवीएफ में किया जाएगा या आईसीएसआई के माध्यम से सीधे आपके साथी के एग में इंजेक्ट किया जाएगा. निषेचित भ्रूण को बाद में बढ़ने के लिए आपके साथी के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है.
हाइपरस्पर्मिया एक दुर्लभ समस्या है और आमतौर पर इसका किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य या प्रजनन क्षमता पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है. आईवीएफ या आईसीएसआई प्रक्रिया से इसमे सुधार ला सकते है. साथ ही शुक्राणु की पुनर्प्राप्ति से उन पुरुषों में एक सफल गर्भावस्था की संभावना में सुधार कर सकती है जिन्हें अपने पत्नी के गर्भवती होने में समस्या हो रही है.
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(डॉ हृषिकेश पाई, सलाहकार स्त्री रोग विशेषज्ञ और बांझपन विशेषज्ञ, लीलावती अस्पताल, मुंबई, चंडीगढ़ और नई दिल्ली में फोर्टिस अस्पताल)
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