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This Article is From May 10, 2022

नहीं रुकता बहता हुआ खून, गंभीर मामलों में हो सकती है इंटरनल ब्लीडिंग, किसी को भी हो सकता है यह जानलेवा रोग, जानें कारण, लक्षण और बचाव

What is Hemophilia: हीमोफीलिया एक रेयर ब्लीडिंग डिसॉर्डर है जो ब्लड क्लॉट होने से रोकता है. हीमोफीलिया एक जेनेटिक बीमारी (Inherited bleeding disorder) है, जो बहुत कम लोगों में पाई जाती है. हीमोफीलिया की वजह (Hemophilia Causes) से शरीर में ब्लड के थक्के जमने का प्रोसेस धीमा पड़ जाता है और इसके कारण शरीर से बह रहा खून जल्दी रुक नहीं पाता.

नहीं रुकता बहता हुआ खून, गंभीर मामलों में हो सकती है इंटरनल ब्लीडिंग, किसी को भी हो सकता है यह जानलेवा रोग, जानें कारण, लक्षण और बचाव
हीमोफीलिया (Hemophilia): हीमोफीलिया एक प्रकार का ब्‍लीडिंग डिसऑर्डर (रक्तस्राव विकार) हैं.

What is Hemophilia: हीमोफीलिया एक रेयर ब्लीडिंग डिसॉर्डर है जो ब्लड क्लॉट होने से रोकता है. हीमोफीलिया एक जेनेटिक बीमारी (Inherited bleeding disorder) है, जो बहुत कम लोगों में पाई जाती है. हीमोफीलिया की वजह (Hemophilia Causes) से शरीर में ब्लड के थक्के जमने का प्रोसेस धीमा पड़ जाता है और इसके कारण शरीर से बह रहा खून जल्दी रुक नहीं पाता. यही वजह है कि हीमोफीलिया से पीड़ित मरीज के शरीर में खून के थक्के जमने (Clotting Factors) या यूं कहे तो बहता खून (Blood Doesn't Clot) रोकने में हेल्दी व्यक्ति से ज्यादा समय लगता है. हीमोफीलिया की कुछ सीरियस केसेस में शरीर के अंदर खून बहने लग जाता है जिसे इंटरनल ब्लीडिंग (Internal Bleeding) कहते हैं. ऐसी स्थिति में अगर सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है. हीमोफीलिया एक ऐसी बीमारी है जो महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक ज्यादा देखी जाती है.

तो चलिए जानते हैं‍ कि हीमोफीलिया के बिल्डर रोग क्यों कहते हैं. हीमोफीलिया के लक्षण क्‍या हैं और हीमोफीलिया किस विटामिन की कमी से होता है. अगर आप यह जान लेते हैं कि हीमोफीलिया के कारण क्‍या हैं, तो आप इससे बचाव के उपाय अपना सकते हैं. अक्‍सर लोग पूछते हैं कि हीमोफीलिया बीमारी का इलाज क्या है और यह कितने प्रकार के होते हैं? तो चलिए लेते हैं इसके बारे में अहम जानकारी. 
 

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हीमोफीलिया क्या है, क्‍यों और किस होता है, जानें कारण, लक्षण और उपचार

हीमोफीलिया के लक्षण (Hemophilia Symptoms)

  •  जॉइंट्स में ब्लीडिंग, जिससे जोड़ों में सूजन और दर्द या जकड़न हो सकती है
  • स्किन में ब्लीडिंग (चोट लगना) या मांसपेशियों और सॉफ्ट टिश्यू में, जिससे ब्लड का संचय होता है 
  • मुंह और मसूड़ों से खून बहना
  • शॉट या टीके लगने के बाद ब्लीडिंग होना
  • बच्चे के जन्म के बाद शिशु के सिर में खून बहना
  • यूरिन या मल में ब्लड 
  • फ्रीक्वेंट ब्लीडिंग होना और नाक से खून बहना जिसे रोकना मुश्किल होता है. 

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हीमोफीलिया के कारण (What causes Hemophilia)

ब्लड क्लोटिंग प्रोसेस को नियंत्रित करने वाली जीन में म्यूटेशन होना ही लगभग सभी तरह के हीमोफीलिया का प्राथमिक कारण है. खून के थक्के जमना एक ऐसा प्रोसेस है, जो किसी खुले घाव को बंद करके बिल्डिंग को रोक देता है.

हीमोफीलिया ए और बी का कारण बनने वाली जीन में म्यूटेशन का लगभग 1 तिहाई हिस्सा माता-पिता से आता है और बाकी का म्यूटेशन अपने आप हो जाता है.

कई मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि जिन लोगों के फैमिली में किसी को हीमोफीलिया की समस्या नहीं है, उन्हें भी ये बीमारी हो सकती है.

जिन लोगों को बिना किसी फैमिली हिस्ट्री के हीमोफीलिया हो जाता है उस स्थिति को एक्वार्ड हिमोफिलिया कहा जाता है. शरीर की इम्युनिटी सिस्टम के क्लॉटिंग फैक्टर VIII और IX को नुकसान पहुंचाना एक्वार्ड हीमोफीलिया का सबसे मुख्य कारण हो सकता है.

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हीमोफीलिया की वजह (Hemophilia Causes) से शरीर में ब्लड के थक्के जमने का प्रोसेस धीमा पड़ जाता है.

हीमोफीलिया का उपचार (Can hemophilia be cured?) 

एक्सपर्ट्स के मुताबिक जिन लोगों में हीमोफीलिया के लक्षण दिखाई देते हैं उन्हें एक बार डॉक्टर से कंसल्ट कर लेना चाहिए.  हीमोफीलिया से पीड़ित मरीज को अपनी डाइट का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. हीमोफीलिया का उपचार मिसिंग ब्लड क्लॉटिंग फैक्टर को हटाकर किया जा सकता है. इसके अलावा इंजेक्शन के जरिए भी हीमोफीलिया की बीमारी का इलाज किया जाता है, जो एक मेडिकल प्रोसीजर है और स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम ही इस प्रोसेस को करती है.

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हीमोफीलिया से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान (What is the prevalence of hemophilia)

  •  अगर आपके दांत और मसूड़ों से खून निकलता है तो इसे नज़रअंदाज़ बिलकुल न करें, तुंरत डेंटिस्ट से कंसल्ट करें.
  • अगर हड्डियों में चोट लगती है तो पेन किलर लेने के पहले डॉक्टर से पूछें, क्योंकि इसके कारण आगे चलकर हीमोफीलिया हो सकता है.
  • ब्लड इंफेक्शन की वजह से होने वाली बीमारियां और उनके टीकाकरण के बारे में पूरी जानकारी लें और इसकी जांच भी करवाएं.
  • ब्लड थिनिंग मेडिसिंस लेने से बचें. एस्प्रिन और इबुप्रोफेन जैसी over-the-counter मेडिसिंस का सेवन बिना डॉक्टर से पूछे ना करें.
  • डाइट में विटामिन और मिनरल्स से भरपूर चीजों को शामिल करें.
  • रोजाना एक्सरसाइज और योग करें.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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