Diabetic Retinopathy Symptoms: आंखें देखने में तो छोटी नजर आती हैं लेकिन ये कई हिस्सों से मिलकर बना हुआ एक जटिल अंग है. इनमें से कई हिस्से खून में होने वाले मेटाबोलिक बदलावों के प्रति संवेदनशील होते हैं. मधुमेह यानी डायबिटीज (Diabetes) के चलते आंखों में सूखापन, धुंधलापन, मोतियाबिंद और रेटिना (Cataract And Retina) को प्रभावित करने वाली डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) जैसी गंभीर तकलीफें हो सकती हैं. मधुमेह से प्रभावित 20% से 40% लोगों में रेटिनोपैथी की शिकायत होती है. हालांकि, पश्चिमी देशों के मुकाबले एशियन महाद्वीप (भारत में 23%) में रेटिनोपैथी के शिकार होने वालों का आंकड़ा कम है. डायबिटीज़ की वजह से लोगों को देखने में तकलीफ और कई बार अंधेपन का भी सामना करना पड़ सकता है.
डायबिटिक रेटिनोपैथी एक बीमारी है जो ब्लड शुगर (Blood Sugar) से पीड़ित व्यक्ति की रेटिना (आंख का पर्दा) को प्रभावित करती है. यह रेटिना को रक्त पहुंचाने वाली बेहद पतली नसों के क्षतिग्रस्त होने से होता है. समय पर इलाज न कराने से पूर्ण अंधापन भी हो सकता है. डायबिटीज के करीब 40 प्रतिशत मरीज इस बीमारी से पीड़ित हैं. दुनिया में अंधेपन का यह सबसे बड़ा कारण है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इसे अपने विजन 2020 : राइट टू साइट इनीशिएटिव में शामिल किया है. हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) के मरीजों को भी इस बीमारी के होने का खतरा रहता है. कई लोगों डायबिटिक रेटिनोपैथी के बारे में सवाल करते हैं. डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) से जुड़े सवालों के जवाब जानने के लिए अनिता शर्मा ने डॉ. पवन गुप्ता, (वरिष्ठ विटेरो-रेटिना विशेषज्ञ, आई 7, लाजपत नगर, दिल्ली) से बात की...
1. डायबिटिक रेटिनोपैथी आखिर है क्या?
डायबिटिक रेटिनोपैथी एक ऐसी बीमारी है जो ब्लड शुगर से पीड़ित लोगों की रेटिना यानी आंख के पर्दे को प्रभावित करती है.
2. क्या आंखों का बहुत ज्यादा लाल होना रेटिनोपैथी का शुरुआती लक्षण है?
- सिर्फ आंख लाल होना डायबिटिक रेटिनोपैथी का लक्षण नहीं. इसे शुरुआत में पकड़ पाना मुश्किल है.
- शुरुआत में डायबिटिक रेटिनोपैथी को बाहर से देखने में नहीं समझा जा सकता.
- शुरुआत में जांच के जरिए ही डायबिटिक रेटिनोपैथी को डाइग्नोज किया जा सकता है.
3. डायबिटिक रेटिनोपैथी के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?
- शुरुआत के 2 से 3 साल कुछ पता ही नहीं चलता.
- जिन्हें डायबिटीज है वे रखें खास ख्याल
- आंखों की सालाना जांच जरूर कराएं.
- शुरुआती चरण में जांच के द्वारा ही पकड़ा जा सकता है.
- बाद में देखने में दिक्कत होती है.
- लाइन यानी रेखाएं टेढ़ी दिखती हैं.
- आंखें लाल हो सकती हैं.
- आंखों में खून आ सकता है.
- आंखों में लाल नसों का जाल बढ़ जाता है.
4. डायबिटिक रेटिनोपैथी के कितने स्टेज होते हैं?
- कुल चार चरण या स्टेज कहे जा सकते हैं.
- अर्ली या माइल्ड रेटिनोपैथी इसका पहला चरण है.
- इसे पकड़ने के लिए भी जांच की जरूरत है.
- दूसरे चरण में लक्षण आने शुरू हो जाते हैं.
- अंतिम चरण में नसें बननी शुरू हो जाती हैं.
5. रेटिनोपैथी हमेशा ही अंधेपन की वजह बनती है?
- अगर मरीज कोई इलाज नहीं कराता है
- या इलाज के निर्देशों को ठीक से नहीं मानते हैं
- तो डायबिटिक रेटिनोपैथी अंधेपन की वजह बन सकती है
- डायबिटिक रेटिनोपैथी से आए अंधेपन को दूर करना हो सकता है मुश्किल
- मुधमेह के रोगी इसे इग्नोर न करें.
- मधुमेह है तो सालाना जांच जरूर कराएं.
6. क्या हर मधुमेह रोगी को डायबिटिक रेटिनोपैथी होती ही होती है या इससे बचाव के उपाय भी हैं?
- किस किस में होगी यह मधुमेह नियंत्रण पर निर्भर करता है.
- जिनमें ब्लड शुगर कंट्रोल अच्छा होता है, उनमें संभावना कम होती है.
- जिन लोगों में ब्लड शुगर कंट्रोल अच्छा नहीं उनमें बहुत जल्दी दिख सकती है.
- 15 से 20 साल पुराने मधुमेह रोगियों में 80 से 100 फीसदी संभावना होती है.
7. क्या शुगर को कंट्रोल कर डायबिटिक रेटिनोपैथी की संभावना का पूरी तरह टाला जा सकता है?
- काफी हद तक शुगर को कंट्रोल कर आंखों पर इसके प्रभाव से बचा जा सकता है.
- लेकिन दूसरे रोग भी भूमिका निभा सकते हैं.
8. क्या डायबिटिक रेटिनोपैथी और मोतियाबिंद एक साथ हो सकते हैं?
- दोनों के साथ होने की पूरी संभावना है.
- उम्रदराज मरीजों में ऐसे मामले सामने आते हैं.
- पहले किया जाता है डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज.
- जरूरी है कि पूरा इलाज लिया जाए.
- इलाज बीच में छोड़ना खतरे को बढ़ाता है.
9. क्या डायबिटिक रेटिनोपैथी और मोतियाबिंद एक साथ हो सकते हैं?
- दोनों के साथ होने की पूरी संभावना है.
- उम्रदराज मरीजों में ऐसे मामले सामने आते हैं.
- पहले किया जाता है मोतिया का इलाज.
- जरूरी है कि पूरा इलाज लिया जाए.
- इलाज बीच में छोड़ना खतरे को बढ़ाता है.
10. डायबिटिक रेटिनोपैथी को डाइग्नोज के तरीके क्या हैं?
- इसके लिए जांच कराई जाती है.
- क्लिनिकल एग्जामिन करते हैं.
- फंडस फ्लोरेसिन एंजियोग्राफी के जरिए भी चलता है पता.
- इसके अलावा ओसीटी भी है कारगर.
11. आंखों को कैसे प्रभावित करता है ब्लड शुगर?
- इससे आंखों के पर्दे यानी रेटिना पर सूजन आ सकती है
- नसों से तरल लीक होने लगता है.
- खून के धब्बे व कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है
- जो दिखने में दिक्कत कर सकता है.
12 चौथी स्टेज पर इलाज लेने से उसके सफल होने की कितनी संभावना है?
- मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है.
- दूसरी बीमारियों की भी है भूमिका.
ब्लड शुगर, किडनी या हार्ट से जुड़ी समस्याएं भी निभाती हैं भूमिका.
13. डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज क्या है या कैसे होता है?
- सबसे पहला इलाज मरीज के हाथ में है
- अपनी ब्लड शुगर को करें कंट्रोल
- सेहत से जुड़ी अन्य समस्याएं हैं तो उन्हें भी करें कंट्रोल
- सबसे पहला विकल्प है लेजर एप्लिकेशन
- इंजेक्शन के जरिए दी जाती हैं दवाएं.
- इंजेक्शन से दवाएं कई बार देने की जरूरत पड़ सकती है.
(डॉ. पवन गुप्ता, वरिष्ठ विटेरो-रेटिना विशेषज्ञ, आई 7, लाजपत नगर, दिल्ली, मोतियाबिंद - ग्लूकोमा - रेटिना - कंप्यूटर विजन - न्यूरोफथाल्मोलॉजी)
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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