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बिना यो-यो इफैक्ट के कैसे घटाएं वजन, जानें आखिर क्या है यो-यो इफैक्ट और ये कैसे करता है काम

Weight Loss Yo Yo Effects: वजन घटाने के लिए, बैलेंस डाइट और रेग्युलर एक्सरसाइज़ की जरूरत होती है, जो धीरे-धीरे वजन कम करने में मदद करता है.

बिना यो-यो इफैक्ट के कैसे घटाएं वजन, जानें आखिर क्या है यो-यो इफैक्ट और ये कैसे करता है काम
Weight Loss: बिना यो-यो इफैक्ट के कैसे घटाएं वजन.

Weight Lose Without Yo-Yo Effect : वेट लॉस करने के दौरान कई लोग यो-यो इफेक्ट (यानी वेट साइक्लिंग) का सामना करते हैं. जिसमें एक बार वजन घटने के बाद फिर से बढ़ जाता है. यह प्रक्रिया शरीर में लगातार बदलाव की तरह होती है. जैसे यो-यो के कारण वजन का बढ़ना और घटना. जब लोग तेजी से और हार्ड डाइटिंग या एक्सरसाइज़ शुरू करते हैं, तो कुछ समय बाद उनका वजन घटता है. लेकिन यह टेंपरेरी होता है क्योंकि वे नॉर्मल डाइट या लाइफस्टाइल फॉलो करने लगते हैं और वजन फिर से बढ़ जाता है. इस प्रक्रिया से शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है और यह आने वाले समय में वेट लॉस को और भी मुश्किल बना सकता है.


बिना यो-यो इफैक्ट के कैसे कम करें वजन? (Weight Lose Without Yo-Yo Effect)

क्या है यो-यो इफेक्ट?
यो-यो इफेक्ट या यो-यो डाइटिंग एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें लोग वेट लॉस के लिए कोशिश में वजन कम करते हैं और उसके बाद फिर से उस वेट को गैन कर लेते हैं. यह प्रोसेस बार-बार दोहराई जाती है और जैसे-जैसे समय बीतता है, यह एक बैड सर्कल में बदल जाता है, जिसमें व्यक्ति लगातार वजन घटाने और बढ़ाने के चक्कर में फंसा रहता है. शुरुआत में जब लोग हार्ड डाइटिंग और रूटीन एक्सरसाइज़ का पालन करते हैं तो उनका वजन घटने लगता है लेकिन जब वे अपनी पुरानी डाइट पर वापस लौटते हैं या रूटीन एक्सरसाइज़ में कमी आती है, तो उनका कम हुआ वजन फिर से बढ़ जाता है.

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यो-यो इफेक्ट का मुख्य कारण 
शरीर की डाइजेस्टिव प्रक्रिया में बदलाव होता है. जब लोग एक्सट्रीम डाइटिंग नियमों का पालन करते हैं, तो शरीर से फैट खत्म होना शुरू हो जाता है और मांसपेशियों का नुकसान होता है. मांसपेशियों की कमी से डाइजेशन प्रोसेस धीमी हो जाती है. जिससे कैलोरी बर्न होने की कैपेसिटी घट जाती है. इसका रिजल्ट ये होता है कि वेट लॉस करना अधिक मुश्किल हो जाता है क्योंकि शरीर अब उतनी तेजी से कैलोरी बर्न नहीं करता. इस स्थिति को 'वेट साइक्लिंग' कहा जाता है, जिसमें शरीर बार-बार वजन घटाने और बढ़ाने की प्रक्रिया से गुजरता है.

बॉडी और मेंटल हेल्थ को करता है प्रभावित
यो-यो इफैक्ट केवल शारीरिक स्वास्थ्य को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी गहरा असर डालता है. बार-बार वजन घटाने और बढ़ाने से व्यक्ति के सेल्फ रिस्पेक्ट और मेंटल हेल्थ में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है. इससे लोगों में डिप्रेशन और टेंशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए पर्मानेंट वेट लॉस के लिए बैलेंस्ड डाइट, रेग्युलर एक्सरसाइज़ और मेंटल हेल्थ बनाए रखना जरूरी है. यह ना केवल शरीर को हेल्दी बनाए रखता है. बल्कि मेंटल और इमोशनल हेल्थ भी सुधारता है.

यो-यो इफ़ेक्ट के कारण क्या हैं?
यो-यो इफैक्ट के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें अनइफेक्टिव, अनसेफ वजन घटाने के तरीके और बहुत ज्यादा कैलोरी रिक्ट्रिक्शन शामिल हैं. जब लोग जल्दी वजन घटाने के लिए बहुत स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो करते हैं या वजन घटाने की गोलियों का सहारा लेते हैं तो इससे शरीर को नुकसान पहुंचता है. खासकर युवा लोग जब जल्दी-जल्दी वजन घटाने के तरीकों अपनाते हैं. तो वे पहले तो रिजल्ट पा लेते हैं, लेकिन समय के साथ शरीर इन आदतों के कारण बैलेंस खो देता है. इस तरह की डाइटिंग अक्सर मांसपेशियों की कमी और शरीर के डाइजेशन के धीमे होने का कारण बनती है, जिससे वजन घटाना बहुत मुश्किल हो जाता है.

कैलोरी रिस्ट्रिक्शन और व्रत भी यो-यो इफैक्ट का कारण बन सकते हैं. जब हम कम कैलोरी का सेवन करते है, तो शरीर मसल्स में जमा फैट का इस्तेमाल करना शुरू कर देता है. जिससे मसल्स टूट कर कम हो जाती  है. मसल्स की कमी से शरीर की फैट बर्न की स्पीड भी घट जाती है. यानी शरीर कम कैलोरी जलाता है. इसके परिणामस्वरूप जब लोग कैलोरी-फूड छोड़ देते हैं, तो शरीर स्वाभाविक रूप से वजन बढ़ाने लगता है. यह पूरी प्रॉसेस यो-यो इफैक्ट का कारण बनती है. जिसमें वजन बार-बार घटता और बढ़ता है.

यो यो इफेक्ट के बिना कैसे घटाएं वजन 
यो-यो इफैक्ट से बचने और परमानेंट वजन घटाने के लिए हेल्दी वजन घटाने के रूटीन को अपनाना जरूरी है. जिसमें शरीर के फैट को कम करते हुए मसल्स को बनाए रखा जाए. सबसे पहले खाना छोड़ने से बचना चाहिए क्योंकि इससे मसल्स को नुकसान होता है और डाइजेशन में कमी आ सकती है. डाइट में बैलेंस बनाए रखना जरूरी है. जिससे कैलोरी सेवन लिमिटेड किया जा सके लेकिन पौष्टिकता बनी रहे. कम कैलोरी वाले फूड्स जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें और रिच कैलोरी, फैटी फूड्स जैसे तले हुए भोजन से बचें.

आहार के साथ-साथ रेगुलर एक्सरसाइज़ भी ज़रूरी है
वजन घटाने के पहले 6 महीनों में हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट की एक्सरसाइज़ करना चाहिए. लंबे समय तक फिट बने रहने के लिए एक्सरसाइज़ को 200-300 मिनट हर सप्ताह तक बढ़ाना चाहिए और इसे लगातार एक साल तक करना चाहिए. इसके अलावा, डाइट और वेट लॉस को ट्रैक करने के लिए डायरी का इस्तेमाल करें. जिससे इस प्रोसेस में सुधार करने में मदद मिले. हेल्दी वेट मैनेजमेंट के लिए डाइटिशन और फूड स्पेशलिस्ट से रेग्युलर सलाह लेना बहुत जरूरी है. ताकि कोई निगेटिव इफैक्ट न पड़े और वजन घटाने की प्रॉसेस सेफ और पर्मानेंट बने.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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