Trikatu Health Benefits: आज की तेज रफ्तार और तनाव भरी जिंदगी में लोगों की सबसे बड़ी चिंता है कमजोर पाचन, बार-बार सर्दी-जुकाम और घटती इम्यूनिटी. जंक फूड, देर से सोना, बिगड़ता रूटीन और बढ़ता प्रदूषण शरीर की प्राकृतिक शक्ति को धीरे-धीरे कम कर देते हैं. ऐसे में आयुर्वेद हमें एक बेहद खास और चमत्कारिक सूत्र देता है त्रिकटु. यह केवल एक चूर्ण नहीं, बल्कि शरीर को भीतर से मजबूत बनाने वाला प्राकृतिक टॉनिक है.
छत्तीसगढ़ सरकार का आयुष विभाग भी इसे ‘सौ मर्ज की एक दवा' बताता है. खास बात यह है कि त्रिकटु कोई दुर्लभ औषधि नहीं, बल्कि रसोई में मौजूद आम तीन मसालों सोंठ (सूखी अदरक), काली मिर्च और पिप्पली से तैयार होता है. इन तीनों के मेल से बनने वाला यह चूर्ण पाचन अग्नि को प्रज्वलित करने, टॉक्सिन्स निकालने और शरीर को हल्का-फुल्का रखने में खास भूमिका निभाता है. आयुर्वेद में इसे ‘अग्निदीपक' कहा गया है, यानी ऐसा संयोजन जो पाचन शक्ति को जागृत कर दे.
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त्रिकटु के तीन योद्धा: कैसे करते हैं काम?
1. सोंठ (सूखी अदरक)
सोंठ शरीर की सूजन को कम करने, गले में जमा बलगम साफ करने और आवाज को साफ करने में मदद करती है. सर्दी-खांसी की शुरुआत में इसका असर झटपट दिखता है. यह पेट की गैस, अपच और भारीपन को भी दूर करती है.
2. काली मिर्च
काली मिर्च प्राकृतिक इम्यूनिटी बूस्टर है. यह फेफड़ों से कफ निकालने में मदद करती है और खांसी-जुकाम की अवधि को कम करती है. साथ ही इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को संक्रमणों से बचाते हैं.
3. पिप्पली
पिप्पली मेटाबॉलिज्म तेज करती है, जिससे वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है. यह श्वसन तंत्र को मजबूत बनाती है, इसलिए अस्थमा और पुरानी खांसी में बेहद लाभकारी मानी जाती है. पिप्पली दिमाग और नर्व सिस्टम को भी पोषण देती है.
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कौन-कौन से मर्ज में फायदेमंद है त्रिकटु?
- कमजोर पाचन, गैस, अपचन
- बार-बार सर्दी-जुकाम
- खांसी और बलगम
- मोटापा और धीमा मेटाबॉलिज्म
- थकान, सुस्ती और कम एनर्जी
- कमजोर इम्यूनिटी
- अस्थमा और श्वसन संबंधी समस्याएं
यह शरीर के तीन दोष- वात, पित्त और कफ को भी संतुलित करने में मदद करता है.
सेवन की सही विधि:
आयुर्वेदाचार्य सलाह देते हैं कि आधा चम्मच त्रिकटु चूर्ण सुबह खाली पेट गुनगुने पानी या शहद के साथ लें. रात में सोने से पहले गर्म दूध के साथ लेने पर खांसी और कफ में जल्द आराम मिलता है. जरूरत और स्थिति के अनुसार इसकी मात्रा डॉक्टर से पूछकर बढ़ाई या घटाई जा सकती है.
त्रिकटु घर पर आसानी से बनाया जा सकता है बस सोंठ, काली मिर्च और पिप्पली को समान मात्रा में पीसकर रख लें. यह छोटा-सा चूर्ण आपकी सेहत की बड़ी सुरक्षा बन सकता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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