आपने कई बार ऐसे बच्चे देखे होंगे, जिनका हाव भाव कुछ अलग ही नजर आता होगा, ये बच्चे सुनने के बाद भी बात अनसुना करते हुए लगते होंगे, दूसरे बच्चों की अपेक्षा ज्यादा ही चुप रहते होंगे और इन्हें देखकर ऐसा लगता होगा कि ये बच्चे किसी अलग ही दुनिया में जी रहे हो. ऐसे बच्चे ऑटिज्म नाम की मानसिक बीमारी से पीड़ित होते हैं. ऑटिज्म एक प्रकार का मानसिक विकार होता है. जिसके चलते बच्चों का व्यवहार बदल जाता है. सामान्यतः हर व्यक्ति का दिमाग एक साथ काम करता है, लेकिन ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे के दिमाग के सभी हिस्से एक साथ काम नहीं करते है, इसलिए वो ठीक से बात नहीं कर पाते है, और दूसरों के सामने जाने से घबराते हैं. ऐसे बच्चों के लिए कई तरह की थेरेपी विशेषज्ञों के द्वारा बनाई गई है, जो ऑटिज्म से उबरने में मदद करती है.
ऑटिज्म से परेशान बच्चों के इलाज में बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि ऐसे बच्चे किसी से बात नहीं करते हैं, अकेले अकेले रहते हैं. हालांकि ऑटिज्म से पीड़ित कई बच्चों का दिमाग दूसरे बच्चों की अपेक्षा काफी तेज होता है, लेकिन वे इसका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं. विश्व भर के हेल्थ एक्सपर्ट्स ऑटिज्म पर रिसर्च कर कुछ ऐसी थेरेपी तैयार की हैं, जिनकी मदद से ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों को कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है. यहां हम इन्हीं थेरेपीज के बारे में बात करेंगे.
थेरेपी जो ऑटिज्म वाले लोगों के लिए मददगार हैं | Therapies That Are Helpful For People With Autism
1. स्पीच थेरेपी
स्पीच थेरेपी की मदद से ऑटिज्म डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चे का इलाज किया जाता है. इस थेरेपी के उपयोग से बच्चा अपनी बात को बताने सफल होता है. यह थेरेपी केवल बोलने तक सीमित नहीं है. इसमें इशारों, पेंटिग्स और राईटिंग के मदद से बच्चों को उनके विचारों को व्यक्त करना सिखाया जाता है.
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2. बिहेवियर कम्युनिकेशन थेरेपी
बिहेवियर कम्युनिकेशन थेरेपी में बच्चों सिखाया जाता है कि उन्हें कैसे बात दूसरे लोगों से बात करना है. यह सिखाया जाता है. उन्हें स्कूल में, समाज में अपने आप को किस तरह प्रजेन्ट करना है, लोगों के साथ किस तरह का व्यवहार करना है इसके तरीके सिखाए जाते है.
3. एजुकेशनल थेरेपी
ऑटिज़्म से प्रभावित बच्चों को खास तौर पर एक अलग तरह की एजुकेशन दी जाती है. क्योंकि ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे को दूसरे बच्चों के साथ बैठाकर पढ़ाने में परेशानी होती है. ऐसे में अलग तरह से बच्चों को पढ़ाया जाता है, ताकि ये बच्चे समाज के साथ कदम से कदम मिला सकें.
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4. बिहेवियर थेरेपी
ऑटिज्म डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चों को गुस्सा बहुत तेज आता है. ऐसे में बिहेवियर थेरेपी की मदद ऐसे बच्चों को गुस्सा किस तरह से कंट्रोल किया जा सकता है, इसके बारे में उन्हें बताया जा सकता है. इस थेरेपी की मदद से बच्चों की सोच भी सकारात्मक होती है.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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