
Suicide Prevention Day 2025: आत्महत्या आज के समय में एक गंभीर सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्या है. यह केवल एक व्यक्ति की व्यक्तिगत त्रासदी नहीं होती, बल्कि उसके परिवार, दोस्तों और पूरे समाज को गहराई से प्रभावित करती है. जब कोई व्यक्ति खुद को नुकसान पहुंचाने की नियत से अपने आप को खत्म कर लेता है, तो इसे आत्महत्या (Suicide) कहा जाता है. वहीं जब कोई व्यक्ति आत्महत्या की कोशिश करता है लेकिन उसकी मौत नहीं होती, तो उसे आत्महत्या का प्रयास (Suicide Attempt) माना जाता है. ऐसे संवेदनशील विषय पर बात करते समय हमें बहुत ध्यान रखना चाहिए कि हम कौन-से शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं. आत्महत्या करना (Committing Suicide), सफल आत्महत्या (Successful Suicide) या विफल आत्महत्या (Failed Suicide) जैसे शब्द गलत असर डाल सकते हैं, इसलिए इनसे बचना चाहिए. किन लोगों को आत्महत्या का सबसे ज्यादा रिस्क है इस बारे में हमने बात की डॉक्टर कामना छिब्बर से. चलिए जानते हैं उन कारणों के बारे में..
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आत्महत्या का खतरा किसे ज्यादा है? (Who Is At Risk For Suicide)
आत्महत्या किसी भी उम्र, लिंग या जाति के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है. लेकिन, कुछ हालात ऐसे होते हैं जो इस खतरे को और बढ़ा देते हैं. इनमें सबसे ज्यादा देखे जाने वाले कारण हैं-
आत्महत्या का पूर्व प्रयास- अगर किसी ने पहले आत्महत्या करने की कोशिश की है, तो उसके दोबारा ऐसा करने का खतरा ज्यादा होता है.
मानसिक बीमारी- डिप्रेशन, चिंता या बाइपोलर जैसी बीमारियां इंसान को बहुत कमजोर बना देती हैं और आत्महत्या का खतरा बढ़ा देती हैं.
नशे की लत- शराब या नशे की दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल इंसान को गलत फैसले लेने पर मजबूर कर सकता है.
पुराना दर्द या गंभीर बीमारी- जो लोग लंबे समय से दर्द या बीमारी झेल रहे होते हैं, वे जीवन से निराश होकर आत्महत्या का सोच सकते हैं.
पारिवारिक इतिहास- अगर परिवार में किसी को मानसिक बीमारी, नशे की आदत या आत्महत्या का इतिहास रहा है, तो बाकी लोगों पर भी असर पड़ सकता है.
घरेलू हिंसा और शोषण- मारपीट, ताना, अपमान या यौन शोषण जैसे अनुभव गहरे मानसिक घाव छोड़ जाते हैं.
घर में हथियार होना- अगर बंदूक या कोई खतरनाक हथियार घर में आसानी से मिल जाए, तो आत्महत्या का खतरा बढ़ जाता है.
जेल से रिहाई- जेल से बाहर आए लोग कई बार अकेलापन और तनाव झेलते हैं, जिससे आत्महत्या का खतरा बढ़ सकता है.
दूसरों की आत्महत्या का प्रभाव- कभी-कभी किसी करीबी या मशहूर व्यक्ति की आत्महत्या देखकर भी इंसान प्रभावित होकर वैसा ही कदम उठा लेता है.
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आत्महत्या के ये कारण हमें बताते हैं कि यह सिर्फ एक व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि कई तरह की परिस्थितियों का नतीजा हो सकती है. हर वो इंसान जो इन हालात से गुजर रहा है, आत्महत्या करेगा ही, ऐसा नहीं है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या के संकेत दिखाता है, तो उसे तुरंत मदद और सहारा देना बहुत जरूरी है. समय पर ध्यान देकर कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं.
How to Manage Your Mental Health: Stress, Anxiety, से लेकर Relationship, Parenting तक हर जरूरी बात
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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