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प्रोटीन के लिए खा रहे हैं 'सोया चाप' तो संभल जाइए, फायदे की जगह होगा नुकसान | Soya Chaap Khane Ke Nuksan

हममें से ज्यादातर लोग मानते हैं कि 'सोया' से बना है, तो यह हेल्दी ही होगा. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स और न्यूट्रिशनिस्ट्स (Nutritionists) की मानें, तो बाजार में मिलने वाला सोया चाप आपकी सेहत को फायदे से ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.

प्रोटीन के लिए खा रहे हैं 'सोया चाप' तो संभल जाइए, फायदे की जगह होगा नुकसान | Soya Chaap Khane Ke Nuksan
अगर आप सच में सोयाबीन से प्रोटीन लेना चाहते हैं, तो उबले हुए या घर पर बने सोयाबीन को खाएं.

Soya Chaap Side Effects: आजकल मार्केट में सोया चाप (Soya Chaap) का क्रेज बहुत बढ़ गया है. वेज खाने वाले लोग इसे प्रोटीन का एक अच्छा ऑप्शन मानते हैं, खासकर जो नॉन-वेज खाना छोड़ रहे हैं, उनके लिए यह बिल्कुल चिकन जैसा टेस्ट देता है. चाहे वो मलाई चाप हो, अफगानी चाप या फिर मसालेदार टिक्का, यह हर पार्टी और फंक्शन का हिस्सा बन चुका है.

हममें से ज्यादातर लोग मानते हैं कि 'सोया' से बना है, तो यह हेल्दी ही होगा. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि जिस चाप को आप प्रोटीन और सेहत का खजाना समझकर खा रहे हैं, उसके पीछे एक बहुत बड़ा 'राज' छिपा है? हेल्थ एक्सपर्ट्स और न्यूट्रिशनिस्ट्स (Nutritionists) की मानें, तो बाजार में मिलने वाला सोया चाप आपकी सेहत को फायदे से ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.

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आइए जानते हैं कि सोया चाप क्यों नहीं खाना चाहिए, और इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह क्या है.

सोया नहीं, इसमें है 'मैदा' की भरमार 

सोया चाप से जुड़ी सबसे बड़ी गलतफहमी यह है कि यह पूरी तरह से सोयाबीन (Soybean) से बना है. सच तो यह है कि इसे बनाने के लिए सोया आटा (Soy Flour) और मैदा (Refined Flour) का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें मैदा की मात्रा अक्सर 40% से 60% तक हो सकती है.

अब सवाल उठता है कि इसमें मैदा क्यों मिलाया जाता है?

दरअसल, सोया चाप को उसकी खास 'चबाने वाली (Chewy)' बनावट देने के लिए मैदा को एक बाइंडिंग एजेंट (Binding Agent) के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. मैदा या रिफाइंड आटा सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता.

मैदा वाला सोया चाप खाने के नुकसान

फाइबर नहीं

मैदा में कोई फाइबर नहीं होता, यानी यह पेट को भरा हुआ महसूस नहीं कराता और डाइजेस्टिव सिस्टम को धीमा कर देता है, जिससे पेट में सूजन (Bloating), गैस और कब्ज (Constipation) जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

ब्लड शुगर पर असर

मैदा एक हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन है, जिसका मतलब है कि यह आपके ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकता है, जो डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है. इसलिए, आप जिसे प्रोटीन का सोर्स समझ रहे हैं, असल में वह एक हाई-कार्ब, लो-फाइबर 'मैदा स्टिक' है.

हाइली प्रोसेस्ड फूड

 बाजार में मिलने वाला चाप एक हाइली प्रोसेस्ड (Highly Processed) फूड होता है, जिसे लंबे समय तक स्टोर करने के लिए कई तरह के प्रिजर्वेटिव (Preservatives), आर्टिफिशियल कलर और फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है. ये सभी चीजें सेहत के लिए अच्छी नहीं मानी जातीं.

डीप फ्राईंग 

 ज़्यादातर लोग चाप को फ्राई करके या टिक्का बनाकर खाते हैं. इसे तैयार करने के लिए अक्सर रेस्टोरेंट्स में एक ही तेल का बार-बार इस्तेमाल किया जाता है, जिससे 'ट्रांस फैट' (Trans Fat) बनने का खतरा बढ़ जाता है. ट्रांस फैट दिल की सेहत और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के लिए बहुत हानिकारक होता है.

वजन बढ़ेगा

अगर आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं, तो मलाई चाप या ग्रेवी चाप में डाली जाने वाली क्रीम, बटर और एक्स्ट्रा तेल की वजह से इसकी कैलोरी (Calories) बहुत ज्यादा हो जाती है.

किन लोगों को इससे खासतौर पर बचना चाहिए?

अगर आपको पहले से ही पेट या पाचन से जुड़ी कोई दिक्कत है, या आप डायबिटीज (Diabetes) के मरीज हैं, तो आपको सोया चाप का सेवन सीमित (Limit) कर देना चाहिए.

प्रोटीन के लिए क्या खाएं

अगर आप सच में सोयाबीन से प्रोटीन लेना चाहते हैं, तो उबले हुए या घर पर बने सोयाबीन को खाएं. और अगर चाप खाने की इच्छा है, तो इसे कभी-कभार ही खाएं, रोज़ाना नहीं, ताकि आपकी सेहत को नुकसान न हो.


 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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