सोना हमारे जीवन का नियमित कार्य है. ऐसा कहा जाता है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद होना बहुत जरूरी है. लेकिन बहुत से लोग अपने हैक्टिक शेड्यूल के कारण अच्छी नींद नहीं ले पाते. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो जरूरत से ज्यादा सोना पसंद करते हैं. आपने देखा होगा कि बहुत से लोग छुट्टी के दिन अपनी थकान मिटाने के लिए काफ़ी देर तक सोते हैं. लेकिन देर तक सोना आपके लिए तब तक ही अच्छा है जब तक आपको इसकी आदत ना हो. दरअसल ओवरस्लीपिंग से शरीर में बहुत-सी समस्याएं हो सकती हैं, जो आपकी जान के लिए खतरा भी बन सकती हैं. इस खबर में आज हम आपको ओवरस्लीपिंग से शरीर में होने वाली समस्याओं के बारे में बताने जा रहे हैं.
ओवरस्लीपिंग से शरीर को हो सकती हैं ये समस्याएं-
1. मोटापे की समस्या
अधिक सोने से आपका शरीर एक ही जगह स्थिर रहता है और कोई मूवमेंट नहीं करता जिससे फिजिकल एक्टिविटी नहीं हो पाती है. जब फिजिकल एक्टिविटी नहीं होती है तो शरीर में मोटापे की समस्या बढ़ती है. इससे आपकी पाचन क्रिया भी धीमी हो जाती है जिससे व्यक्ति को कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
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2. दिल की बीमारी
एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि ज्यादा नींद लेने से दिल की समस्याएं हो सकती हैं. ज्यादा सोना आपके दिल को नुकसान पहुंचा सकता है. जर्नल पीएलओएस में प्रकाशित इस स्टडी में ये भी दावा किया गया है कि यदि आप 9 से 11 घंटे की नींद लेते हैं तो आपको दिल का रोग होने की संभावनाएं 38 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं.
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3. पीठ दर्द
ऑफिस में डेस्क वर्क करने वाले लोग अपना ज्यादातर समय कुर्सी पर बैठकर गुज़ारते हैं जिससे उन्हें काफ़ी थकान हो जाती है और वे लंबे समय तक सोते हैं. लंबे समय तक सोने के चलते उन्हें पीठ दर्द , गर्दन और कंधों में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
4. डायबिटीज़
ज्यादा देर तक सोने से शुगर लेवल बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है. कई रिसर्च में भी ये पाया गया है कि ओवर स्लीपिंग से शरीर में डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है.
5. डिप्रेशन
ओवरस्लीपिंग से आपका मूड एफेक्ट होता जहां नींद न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करती है. लंबी नींद से फिजिकल एक्टिविटी बिल्कुल कम हो जाती है, जबकि न्यूरोट्रांसमीटर के लेवल को बढ़ाने के लिए फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है. इसलिए कोशिश करें की रात को 11 बजे तक सो जाएं और सुबह 8 बजे तक उठने की आदत डालें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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