प्राची निगम ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में 98.5 प्रतिशत अंक प्राप्त करके सुर्खियां बटोरीं. यूपी बोर्ड की कक्षा 10 की टॉपर प्राची निगम सोशल मीडिया पर छाई रहीं. हालांकि उनको बधाई के साथ-साथ एक बुरे अनुभव से भी गुजरना पड़ा. उनको चेहरे के बालों के लिए सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में प्राची निगम की चर्चा उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों की तुलना में उनके लुक के लिए ज्यादा हुई. प्राची में ट्रोलर्स को जवाब भी दिया था कि, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उनके लिए सबसे ज्यादा मायने उनके ग्रेड रखते हैं, न कि उनके चेहरे के बाल. हालांकि, उन्होंने अपनी निराशा भी व्यक्त की और कहा कि अगर उन्हें कम अंक मिले होते तो उन्हें इससे परेशानी होती. हालांकि चेहरे पर बाल उगने जैसी कंडिशन कई बार पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) की वजह से भी हो सकती हैं. ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें अंडाशय असामान्य मात्रा में एण्ड्रोजन, पुरुष सेक्स हार्मोन का उत्पादन करते हैं, जिससे अक्सर चेहरे के बालों की ग्रोथ बढ़ती है.
एक्स पर हेल्थ कोच प्रियंका मातनहेलिया ने लिखा, "मैं प्राची निगम को यूपी बोर्ड हाई स्कूल की परीक्षा में टॉप करने के लिए बधाई देती हूं. यह जानकर दुख हुआ कि लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. #पीसीओएस एक दुर्बल करने वाली कंडिशन है, न केवल शारीरिक रूप से बल्कि सामाजिक और मानसिक रूप से भी. बहुत गर्व है कि उन्होंने अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बावजूद यह सफलता हासिल की है."
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I congratulate #PrachiNigam for topping the UP Board High School exams
— Priyanka Matanhelia (Ph.D) (@SavvyPriya) April 21, 2024
It's sad to learn that people are trolling her. #PCOS is a debilitating condition, not only physically, but socially and mentally.
Very proud that she has achieved this success despite her health issues pic.twitter.com/B0lw68NrzJ
एक्स यूजर द स्किन डॉक्टर ने लिखा कि, "कुछ लोगों ने यूपी बोर्ड कक्षा दसवीं की परीक्षा में टॉप करने वाली छात्रा प्राची निगम का उनके चेहरे के बालों के लिए मजाक उड़ाया. यह अक्सर हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है, आमतौर पर पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) नामक स्थिति के कारण, जो मुंहासे, हिर्सुटिज़्म (चेहरे के बाल), बालों का झड़ना, वजन बढ़ना और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं का कारण भी बन सकता है."
Some people mocked Prachi Nigam, the student who topped the UP Board Class X exam, for her facial hair.
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) April 21, 2024
This is often caused by hormonal imbalance, commonly by a condition called polycystic ovarian syndrome (PCOS), which can also lead to acne, hirsutism (facial hair), scalp hair…
आखिर क्या होता है पीसीओएस और किन महिलाओं को रहता है ज्यादा रिस्क?
पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है. यह समस्या अक्सर प्रजनन आयु की महिलाओं में देखी जाती है और इसके कारण महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
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पीसीओएस क्या है? (What is PCOS?)
पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं की अंडाशय (ovaries) में कई छोटे-छोटे सिस्ट (cysts) बन जाते हैं. यह सिस्ट अंडाशय की सतह पर द्रव से भरे छोटे-छोटे फोड़े होते हैं. इसके कारण अंडाशय सामान्य रूप से अंडाणु का उत्पादन नहीं कर पाती, जिससे महिलाओं में प्रजनन समस्याएं हो सकती हैं.
पीसीओएस के लक्षण (Symptoms of PCOS)
अनियमित मासिक धर्म: मासिक धर्म का समय पर न आना या बहुत कम आना.
वजन बढ़ना: तेजी से वजन बढ़ना या वजन कम करना मुश्किल होना.
अनचाहे बाल: चेहरे, छाती और पीठ पर अनचाहे बालों का बढ़ना.
मुंहासे: चेहरे पर मुंहासों का बढ़ना.
बालों का पतला होना: सिर के बालों का पतला होना या झड़ना.
इंसुलिन रेजिस्टेंस: शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं होना.
पीसीओएस के कारण (Causes of PCOS)
अनियमित मासिक धर्म: मासिक धर्म का समय पर न आना या बहुत कम आना.
वजन बढ़ना: तेजी से वजन बढ़ना या वजन कम करना मुश्किल होना.
अनचाहे बाल: चेहरे, छाती और पीठ पर अनचाहे बालों का बढ़ना.
मुंहासे: चेहरे पर मुंहासों का बढ़ना.
बालों का पतला होना: सिर के बालों का पतला होना या झड़ना.
इंसुलिन रेजिस्टेंस: शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं होना.
दवाएं: यह कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट भी हो सकता है..
किन महिलाओं को रहता है ज्यादा रिस्क? (Which women are at greater risk of PCOS?)
परिवार में इतिहास: जिन महिलाओं के परिवार में पहले से किसी को पीसीओएस है, उन्हें यह समस्या होने की संभावना ज्यादा होती है.
वजन: ज्यादा वजन या मोटापे से ग्रस्त महिलाएं पीसीओएस के जोखिम पर होती हैं.
आनुवंशिकी: कुछ जातियों और समुदायों में पीसीओएस का जोखिम ज्यादा होता है.
लाइफस्टाइल: अनहेल्दी खान-पान और शारीरिक सक्रियता की कमी भी पीसीओएस के जोखिम को बढ़ाती है.
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पीसीओएस से राहत पाने के उपाय:
पीसीओएस का इलाज नहीं हो सकता, लेकिन इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है.
हेल्दी डाइट और व्यायाम: संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
दवाइयां: हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाइयों का सेवन.
सर्जरी: कुछ मामलों में सर्जरी की भी जरूरत हो सकती है.
पीसीओएस एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो महिलाओं के जीवन को प्रभावित कर सकती है. इसके लक्षणों को पहचानकर समय रहते डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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