Parenting Tips For School Going kids | How to improve child academic performance: माता-पिता के लिए सबसे पहली प्राथमिकता उनके बच्चे होते हैं. ऐसे में अक्सर पेरेंट्स बच्चों की पढ़ाई को लेकर टेंशन (Bachha padhta nhi) में रहते हैं और इस चिंता की वजह से वह बच्चे पर भी दबाव बनाने लगते हैं. बच्चे अगर ठीक से पढ़ाई न करें तो माता-पिता का मन किसी भी चीज में नहीं लगता और वह परेशान रहते हैं. आपका बच्चा भी पढ़ने से जी चुराता है तो आपको कुछ खास बातों पर ध्यान देने की जरूरत है. हम यहां कुछ टिप्स बता रहे हैं जिन्हें फॉलो कर आप अपने बच्चे को पढ़ाई के प्रति आकर्षित कर सकते हैं और बच्चा पढ़ाई पर ध्यान देने लगेगा. तो चलिए बिना देर करे जानते हैं पढ़ाई में मन लगाने के टिप्स-
अगर आप भी ये जानना चाहते हैं कि पढ़ाई में मन लगाने के लिए कौन से मंत्र का जाप करें, तो यहां हैं ऐसे ही कुछ मंत्र. जो बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाएंगे.
बच्चों का मन पढ़ाई में लगाने के आसान टिप्स | Easy tips to keep children interested in studies | Padhai Me Man Lagane Ke Nuskhe | School-Age Parenting Tips
पूरी हो नींद : बच्चे का मन पढ़ाई में लगे इसके लिए ये जरूरी है कि उसकी नींद पूरी हो. तभी वो पढ़ाई करते वक्त तरोताजा महसूस करेगा. हर दिन बच्चे को कम से कम 8 से 10 सोना चाहिए. बिस्तर पर जाने के बाद बच्चे को मोबाइल और टीवी से दूर रखें और उन्हें सोने के लिए एक शांत माहौल दें.
कोशिश की करें तारीफ : बच्चे की छोटी-छोटी कोशिशों और सफलताओं पर उनकी प्रशंसा करें और उन्हें प्रोत्साहित करें. अगर बच्चे का पढ़ने में मन नहीं लग रहा तो उसे डांटने की बजाय उन्हें समझाएं. बच्चे को समय दें, उसका होमवर्क करने में भी उसकी मदद करें.
एक्सरसाइज और योग : बच्चों का कॉन्ट्रेशन बढ़ाने के लिए योग और एक्सरसाइज जरूरी है. सुबह उठकर बच्चे को योग अभ्यास करवाएं ताकि उनका ध्यान केंद्रित हो.
सही जगह चुनें : बच्चे पढ़ाई में ध्यान दें इसके लिए आपको सही जगह चुनना भी जरूरी है. जहां बच्चा पढ़ रहा है उस कमरे का वेंटिलेशन अच्छा हो. कमरे में सूरज की रोशनी और ताजी हवा आती हो.
तुलना करने से बचें : अक्सर मां-बाप अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करते हैं, ऐसे में बच्चे तनाव में आ जाते हैं और पढ़ाई को लेकर उनके मन में भय बना रहता और वह उससे बचने की कोशिश करते हैं. बच्चों पर दबाव न बनाएं उन्हें खुले मन से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें.
मार-पीट न करें : गलती करने पर बच्चे को हर बार मारना पीटना गलत है, उन्हें प्यार से समझाएं. मार-पीट करने से बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ेगा. इसके साथ ही ऐसे व्यवहार से बच्चे जिद्दी हो जाते हैं और बातों पर ध्यान नहीं देते.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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