Positive Parenting: रीना नाम की एनडीटीवी की पाठक का कहना है कि उनकी छह साल की बेटी पॉकेट मनी के नाम पर रोज उनसे पैसे की डिमांड करती है. पैसे न देने पर बच्चे जिद (Bachcha Paise mangta hai) करते हैं. वह खुद एक वर्किंग मदर हैं. ऐसे में बच्चे के साथ हर पल रहकर उसे सही गलत बताने और उसे अच्छी बातें सिखाने के लिए उनके पास उतना टाइम नहीं होता है. कई बार वह उसे पैसे दे देती हैं, लेकिन कई बार मना भी करती हैं. ऐसे में वह रोने लगती है और जिद करती है कि उसे स्कूल में चीज खाने के लिए पैसे चाहिए. उसके सभी दोस्त पैसे लेकर आते हैं.
रीना का कहना है कि उन्होंने हफ्ते में एक दिन तय किया हुआ है जिसमें वह अपनी बेटी को पैसे देती हैं. लेकिन फिर भी दूसरे बच्चों को देखकर वह रोजाना पैसे मांगती है. ऐसे में उन्हें क्या करना चाहिए. बच्चे को पैसे देने चाहिए या नहीं. ये परेशानी सिर्फ रीना की नहीं है. रीना जैसी ही और भी बहुत सी माएं और पिता हैं जो इसी परेशानी से जूझ रहे हैं. तो रीना, आपके और मेरे जैसे परिजनों की इसी समस्या पर आज बात करते हैं.
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क्या करें अगर बच्चा बार-बार करे पैसे की मांग और जिद, बच्चे को पैसे दें या नहीं | What to do if your child asks for too much money
पहला काम: सबसे पहले तो सब्र करें
बच्चा आपकी बात नहीं सुनता या जिद करता है, तो परेशान न हों. एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि वह आपका बच्चा है आपके प्यार करता है और हां, वह छोटा बच्चा है. आप उससे इस तरह की उम्मीद नहीं कर सकते कि वह आपकी तरह समझदार हो जाए. अरे भई आपको भी तो इतना समझदार होने में सालों लगे न. फिर आप क्यों चाहते हैं कि वो कुछ सालों में ही आपकी हर बात मान और समझ लें. इसलिए सबसे पहले परेशान होने बंद करें और सब्र रखें.
दूसरा काम : बच्चे की सुनें
अगली बार जब आपका नन्हा मुन्हा पैसे मांगे, तो उससे पूछें कि उसे पैसे क्यों चाहिए. हो सकता है कि बाहर की चीज न खाने की आपकी हिदायत के डर से वो आपको न बताए कि उसे चिज्जी खानी है या दोस्त के साथ कुछ खरीदना है. इसलिए उसे भरोसे में लें और उससे पूछें कि उसे पैसे क्यों चाहिए. जब वह आपको वजह बताए तो देखें कि क्या आप उसे पैसे देने के बजाए वही सामान खरीद कर देंगे तो चलेगा. इससे बच्चे को हाथ में पैसे लेने की आदत नहीं पड़ेगी.
दूसरा काम : उसकी इच्छाएं पूरी करने की कोशिश करें
अगर आपका बच्चा पैसे किसी गलत आदत के लिए नहीं मांग रहा है तो आप कोशिश करें कि छोटे बच्चे को पैसे देने के बजाए उसकी इच्छा को खुद पूरा कर दें.
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तीसरा काम : दूसरे पेरेंट्स से बात करें
रीना ने हमें बताया कि स्कूल में कुछ बच्चे रोज पैसे लाते हैं. इसलिए उनका बच्चा भी इसकी जिद करता है. ऐसे में आप स्कूल की पेरेंट मीट के दौरान दूसरे पेरेंट्स से बात करें. आप सभी मिल कर कोई एक ही दिन तय कर सकते हैं. जिस पर सभी बच्चों को उनके पेरेंट पैसे दें. इससे किसी बच्चे को कभी पैसे की कमी महसूस नहीं होगी.
चौथा और जरूरी काम : डांटे तो बिलकुल नहीं
बच्चा चाहे जिस भी वजह से पैसे मांग रहा हो. आप उसे डांटें नहीं. डांटने से बच्चे कभी भी किसी काम को करना बंद नहीं करते. वे बस दूसरे रास्ते तलाश लेते हैं उसे करने के. तो ये न हो कि आपकी डांट के डर से वह दूसरे तरीके अपनाने लगे.
तो ये कुछ छोटे-छोटे कदम आप उठा सकते हैं बच्चों से अच्छी बॉन्ड बनाने और उन्हें सही राह दिखाने के लिए.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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