
World Breastfeeding Week 2024: स्तनपान (Breastfeeding) मां और बच्चे दोनों के लिए एक सुंदर और पोषण देने वाला अनुभव है. हालांकि, कई महिलाएं बच्चे के जन्म देने के बाद पर्याप्त दूध की आपूर्ति करने में असफल रहती है और बाद में खुद को कोसती है, इसी के साथ कई तरह की चुनौतियों का सामना भी करती है. ऐसे में इन्हीं सब चीजों को देखते हुए 'वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक' हर साल 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाता है, जिससे स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ती है और माताओं को सहायता प्रदान की जाती है. आइए ऐसे में जानते हैं 'वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक' के इतिहास के बारे में और साथ ही जानेंगे, कि जो माएं ब्रेस्टफीडिंग करा रही है, उन्हें किस प्रकार के भोजन का सेवन करना चाहिए.
क्यों अगस्त में मनाया जाता है "वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक"
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक हर साल 1 से 7 अगस्त तक इनोसेंटी घोषणा की याद में मनाया जाता है, जिस पर अगस्त 1990 में हस्ताक्षर किए गए थे. सरकारी नीति निर्माताओं, WHO, UNICEF और अन्य संगठनों द्वारा समर्थित इस घोषणा का उद्देश्य ब्रेस्टफीडिंग की रक्षा, प्रचार और समर्थन करना है. पूरे हफ्ते चलने वाला यह उत्सव ब्रेस्टफीडिंग से संबंधित मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने और कार्रवाई करने के लिए एक वैश्विक पहल है.
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माताओं के लिए 5 सुपर फूड
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मेथी के बीज (मेथी)
इसे लेक्टोजेनिक भोजन माना जाता है जो संभावित रूप से माताओं को उनके दूध की आपूर्ति बढ़ाने में मदद करता है. माना जाता है कि मेथी के बीज माताओं में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए आवश्यक हार्मोन को उत्तेजित करते हैं. ऐसे में आप रात को मेथी के बीज को पानी में भिगोकर सुबह पी सकते हैं.
छोले
ये लाखों भारतीयों द्वारा अक्सर खाए जाने के लिए फेमस हैं. छोले को अक्सर अपने पौधे-बेस्ड प्रोटीन कंटेंट के कारण विभिन्न खाद्य पदार्थों के लिए स्वस्थ ऑप्शन माना जाता है. बता दें, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं के लिए छोले का सेवन फायदेमंद होता है.
लहसुन
यह लगभग हर भारतीय घरों में खाया जाता है, ऐसे में स्तनपान कराने वाली माताओं को अपने दूध की आपूर्ति में सुधार के लिए लहसुन खाने की सलाह दी जाती है. आप इसे कच्चा भी खा सकते हैं या सूप, स्टू, दलिया, दाल और खिचड़ी जैसे कई डिशेज में मिला सकते हैं.
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अदरक
इसमें कुछ ऐसे लाभकारी गुण होते हैं जो स्तनपान कराने वाली माताओं को उनके दूध की आपूर्ति को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. आप अपने नियमित भोजन में अदरक को शामिल कर सकते हैं.
तिल के बीज
ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन, खनिज और कैल्शियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की भी ब्रेस्टफीडिंग मांओं को होती है, ऐसे में तिल के बीज का सेवन जरूर करें. बता दें दूध को बढ़ाने और बच्चे के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए इसे सबसे अच्छा माना गया है. बेबी डिलीवरी के बाद तेजी से रिकवरी और दूध की आपूर्ति बढ़ाने के लिए मां को गुड़ से बने "तिल के लड्डू" खिलाने की परंपरा है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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