अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो काम के चक्कर में अपनी नींद की बलि चढ़ा देते हैं, तो सावधान हो जाइए! नींद की कमी सिर्फ थकान नहीं लाती, बल्कि आपके शरीर के अंदर एक 'इमरजेंसी' जैसे हालात पैदा कर देती है. मशहूर न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा और आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि जब आप नहीं सोते, तो आपकी बायोलॉजी खुद कंट्रोल अपने हाथ में ले लेती है.
आइए जानते हैं कि एक रात की अधूरी नींद आपके शरीर के साथ क्या-क्या खेल खेलती है.
जब आप नहीं सोते, तो शरीर में क्या होता है?
- माइक्रो-स्लीप (बिना मर्जी के झपकी): दिमाग इतना थक जाता है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए 3 से 15 सेकंड की 'माइक्रो-स्लीप' लेने लगता है. इसमें आपकी आंखें तो खुली रहती हैं, लेकिन दिमाग सो जाता है.
- तनाव और भूख का बढ़ना: सिर्फ एक रात कम सोने से कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) 37% तक बढ़ जाता है. नतीजा? आपको ज्यादा चिंता होती है, भूख ज्यादा लगती है और पेट की चर्बी (Belly Fat) बढ़ने लगती है.
- फैट बर्न रुक जाता है: अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो नींद जरूरी है. नींद की कमी से फैट बर्न करने की शरीर की क्षमता 55% तक कम हो जाती है.
- इम्यूनिटी का गिरना: अधूरी नींद आपके इम्यून सिस्टम की 'नेचुरल किलर सेल्स' की ताकत को 50% तक कम कर देती है, जिससे आप जल्दी बीमार पड़ सकते हैं.
- इमोशन्स पर काबू नहीं: जब नींद पूरी नहीं होती, तो दिमाग का लॉजिक वाला हिस्सा कमजोर हो जाता है और आपकी भावनाएं (Emotions) 60% ज्यादा उग्र हो जाती हैं.
पाचन पर बुरा असर
नींद कम होने से आंतों में खून का बहाव कम हो जाता है. इससे पाचन की रफ्तार 40% तक घट जाती है और आंतों में समस्या (Leaky Gut) शुरू हो सकती है.
गहरी नींद के लिए आयुर्वेद के जादुई उपाय
आयुर्वेद के अनुसार, नींद न आना शरीर में 'वात' और 'पित्त' के बिगड़ने का संकेत है. इसे ठीक करने के लिए ये आजमाएं:
- जायफल वाला दूध: रात को सोने से पहले गरम दूध में एक चुटकी जायफल या हल्दी डालकर पिएं. यह मन को शांत कर गहरी नींद लाता है.
- पैरों की मालिश: सोने से पहले पैरों के तलवों पर तिल के तेल से मालिश (अभ्यंग) करें.
- हर्बल मदद: अश्वगंधा, ब्राह्मी या जटामांसी का चूर्ण दूध के साथ लेना तनाव कम करने में बहुत कारगर है.
- हल्का डिनर: शाम का खाना हल्का रखें और सोने से कम से कम 1 घंटा पहले मोबाइल/स्क्रीन से तौबा कर लें.
विशेषज्ञ की सलाह: शरीर को जबरदस्ती आराम (Rest) करने पर मजबूर न करें, बल्कि खुद समय निकालकर 7-8 घंटे की नींद लें. नींद शरीर का 'मेंटेनेंस टाइम' है, इसे इग्नोर न करें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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