Effect of cannabis on DNA: दुनिया भर में सबसे ज्यादा जिस ड्रग का इस्तेमाल किया जाता है वह कैनबिस यानी गांजा. इसके बावजूद कैनबिस के सेवन और उसके हानिकारक परिणामों के बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते हैं. ड्रग्स के रेगुलर इस्तेमाल से होने वाले आम नुकसान के अलावा कैनबिस डीएनए को भी प्रभावित करता है. मॉलिक्यूलर साइकेट्री नाम के जर्नल में छपे एक हालिया शोध के मुताबिक, कैनबिस के इस्तेमाल से इसे लेने वाले शख्स का डीएनए प्रभावित होता है. इसके अलावा शोध में साइकोसिस और कैनबिस के सेवन के बीच संभावित अंतर संबंध पर भी गौर किया गया है. हाई पोटेंसी कैनबिस का इस्तेमाल व्यक्ति के डीएनए पर एक गहरा छाप छोड़ जाती है.
डीएनए को प्रभावित करता है गांजा
हालिया शोध में पाया गया है कि हाई पोटेंसी कैनबिस का हफ्ते में एक बार या इससे ज्यादा इस्तेमाल करने से डीएनए पर गहरा प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा यह आपकी एनर्जी और इम्यून सिस्टम पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है. हाई टीएचसी लेवल वाले कैनबिस का इस्तेमाल करने पर यह व्यक्ति की सेहत को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.
हाई पोटेंसी कैनबिस का सेवन करने से साइकोटिक डिसऑर्डर का खतरा भी बढ़ जाता है. बता दें कि टीएचसी गांजे के पौधे में पाए जाने वाले 144 केमिकल्स में से एक है. हालांकि, पोटेंसी लेवल जांचने के लिए यह प्राइमरी कंपाउंड है.
गांजा और साइकोसिस
शोध में पाया गया कि हाई पोटेंसी कैनबिस का इस्तेमाल करने वाले साइकोसिस के शिकार लोगों के डीएनए में आया बदलाव सामान्य साइकोसिस के मरीजों से अलग है. इस विषय में आगे शोध करने पर कैनबिस से डीएनए में होने वाले बदलावों के आधार पर साइकोसिस के रिस्क को मापा जा सकेगा.
हाई पोटेंसी कैनबिस के इस्तेमाल से होने वाली साइकोटिक बीमारियों में कई प्रकार के साइकोटिक डिसऑर्डर्स के लक्षण दिखाई देते हैं. इसमें ऑडिटरी मतिभ्रम यानी ऐसी आवाजें सुनाई देना जो कोई और नहीं सुन सकता या किसी कॉन्सपिरेसी के शिकार होने जैसे भ्रम शामिल हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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