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नैनो-टेक्नोलॉजी की सफलता से ब्रेस्‍ट कैंसर का हो सकता है प्रभावी तरीके से इलाज : स्टडी

ब्रेस्‍ट कैंसर के सबसे घातक रूपों में से एक ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (टीएनबीसी) के उपचार के ल‍िए ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ता अगली पीढ़ी के नैनोकणों का विकास कर रहे हैं.

नैनो-टेक्नोलॉजी की सफलता से ब्रेस्‍ट कैंसर का हो सकता है प्रभावी तरीके से इलाज : स्टडी
इसका उद्देश्‍य टीएनबीसी के खिलाफ शरीर की इम्यून रिएक्शन को मजबूत करना है.

समाचार एजेंसी श‍िन्‍हुआ ने सोमवार को बताया कि क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के ऑस्ट्रेलियाई बायो-इंजीनियरिंग और इंस्टिट्यूट ऑफ नैनो टेक्नोलॉजी (एआईबीएन) के अनुसार शोधकर्ता एक नए आयरन बेस्ड नैनोपार्टिकल्स या "नैनो-एडजुवेंट्स" को डिजाइन कर रहे हैं. इसके तहत बालों के एक ही रेशे पर हजारों नैनोकणों को फिट क‍िया जा सकता है. इसका उद्देश्‍य टीएनबीसी के खिलाफ शरीर की इम्यून रिएक्शन को मजबूत करना है. एआईबीएन के प्रोफेसर यू चेंगझोंग के अनुसार, अन्य ब्रेस्‍ट कैंसरों के विपरीत, टीएनबीसी में अन्य कैंसरों के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ पारंपरिक उपचारों द्वारा लक्षित प्रोटीन की कमी होती है, जिससे प्रभावी उपचार करना एक चुनौती बन जाता है.

शोध के जर‍िए नए व‍िकल्‍प की तलाश

यू ने कहा, "इम्यूनोथेरेपी के बावजूद, ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ इसकी प्रभावशीलता बेहद सीमित है. इससे प्रभावी उपचार नहीं हो पाता. ऐसी अवस्‍था में शोध के जर‍िए नए व‍िकल्‍प की तलाश की जा रही है."

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यू के अनुसार नैनोपार्टिकल्स को ट्यूमर माइक्रो एनवायरनमेंट के भीतर टी-सेल्स से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम द्वारा उपयोग की जाने वाली व्हाइट ब्लड सेल्स की एक्टिविटी को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है. इससे कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन पर हमला करने की इम्यून सिस्टम की क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है.

ब्रेस्‍ट कैंसर के उपचार को और प्रभावी बनाना

नेशनल हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च काउसिंल द्वारा तीन मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (1.89 मिलियन डॉलर) की मदद से पांच वर्षीय शोध परियोजना का उद्देश्य ब्रेस्‍ट कैंसर के उपचार को और प्रभावी बनाना है. यह नई पहल न केवल टीएनबीसी के लिए बल्कि डिम्बग्रंथि के कैंसर के उपचार के ल‍िए भी मार्ग प्रशस्त कर सकता है.

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नैनो टेक्नोलॉजी और नैनो मेडिसिन में दो दशकों से ज्यादा के अनुभव के साथ यू को उम्मीद है कि यह सफलता इम्यूनोथेरेपी को ज्यादा प्रभावी बनाकर कैंसर उपचार को बदल देगी.

एआईबीएन के निदेशक एलन रोवन ने कहा, "यह शोध विज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाएगा और ऐसे नए उपचार खोजेगा, जो इस कैंसर से लड़ने के हमारे तरीके को बदल देंगे. यह जीवन व मृत्‍यु के बीच संघर्ष कर रहीं महिलाओं के लिए आशा की किरण बनेगा."

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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