
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय रक्षा बलों ने पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराया था
- अमेरिकी युद्ध विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर ने ऑपरेशन की सफलता में राजनीतिक और सैन्य तालमेल को अहम बताया है
- भारतीय वायु सेना को हमले की पूरी आज़ादी मिली थी, किसी प्रकार के प्रतिबंध लागू नहीं किए गए थे
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तानी सेना को जिस तरह से धूल चटाई, उसकी तारीफ है दुनिया भर के रक्षा और वॉर एक्सपर्ट्स भी कर रहे हैं. NDTV से खास बातचीत में अमेरिकी युद्ध विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कई आश्चर्यजनक घटनाएं घटीं, जिनकी अकसर उम्मीद नहीं की जाती. उन्होंने यह बात भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह के उस बयान के बाद कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को शुरू हुए हमलों में भारतीय रक्षा बलों ने कम से कम पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराया है.
स्पेंसर ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय राजनीतिक और सैन्य के बीच ऐतिहासिक तालमेल को दिया. उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन की सफलता में सेना की आत्मरक्षा और आत्म-संचालन के अधिकार के साथ-साथ राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य ने भी एक अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि हमलों के समय यह सवाल उठाया गया था कि पाकिस्तान कुछ स्थानों पर भारतीय हमलों को रोकने में असमर्थ रहा है, लेकिन अब इसका जवाब मिल गया है.
वॉर एक्सपर्ट ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तकनीकी अंतर तो हैं, लेकिन "युद्ध में एकीकरण हर चीज़ की परीक्षा है". ज़मीनी प्रणाली, हवाई प्रणाली और यहां तक कि नौसैनिक क्षमताएं भी मिलकर ऐसी सैन्य सफलताएं सुनिश्चित करती हैं. उन्होंने चीफ मार्शल सिंह की इस टिप्पणी को दोहराया कि रूस निर्मित एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली "गेम-चेंजर" थी. उन्होंने कहा था कि एक कड़ी सुरक्षा वाली हवाई संपत्ति का 300 किलोमीटर से ज़्यादा की दूरी से अवरोधन बहुत बड़ी बात है. यह ऐतिहासिक पैठ ही थी जिसने 1991 में अमेरिका की 200 किलोमीटर की घुसपैठ को पीछे छोड़ दिया.
उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना का दबदबा न केवल रक्षा, बल्कि आक्रमण के लिहाज से भी निष्पक्ष रूप से निर्णायक है. लोग पूछ रहे हैं कि क्या कोई प्रतिबंध थे या भारतीय वायु सेना को नियंत्रित रखा गया था. मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम पर कोई प्रतिबंध नहीं था, मैं दोहराता हूं, कोई प्रतिबंध नहीं था. हमें योजना बनाने और उसे लागू करने की पूरी आज़ादी दी गई थी. मुझे कहना होगा कि आप जानते हैं कि हमारे हमले सोच-समझकर किए गए थे क्योंकि हम इसके बारे में परिपक्व होना चाहते थे.
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