Osteoporosis: उम्र बढ़ने के साथ होने वाली शारीरिक समस्याओं में शामिल ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा होता है. उम्र बढ़ने पर महिलाओं में होने वाली मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति के साथ भी इसका कनेक्शन जोड़ा जाता है. इस मुद्दे पर सभी एक्सपर्ट एक राय जरूर देते हैं कि मेनोपॉज के बाद सभी महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस की स्क्रीनिंग जरूर करवानी चाहिए. इसके बाद महिलाओं के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि आखिर मीनोपॉज और ऑस्टियोपोरोसिस में क्या और कैसा रिश्ता है?
महिलाओं में घट रही मेनोपॉज की औसत उम्र
मीनोपॉज और ऑस्टियोपोरोसिस को लेकर बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली में ऑर्थोपेडिक्स विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर ईश्वर बोहरा कहते हैं कि मॉडर्न दौर में अपने देश की महिलाओं में मेनोपॉज की अवस्था आने की औसत उम्र भी घट गई है. पहले महिलाओं को 50 साल की उम्र के बाद या उसके आसपास रजोनिवृत्ति होती थी. अब यह घटकर 45 साल के आसपास या कई बार उससे भी कम उम्र में होने लगा है.
मीनोपॉज और ऑस्टियोपोरोसिस का आपस में सीधा कनेक्शन (Connection between menopause and osteoporosis)
डॉक्टर बोहरा ने बताया कि महिलाओं में माहवारी और प्रेगनेंसी समेत रिप्रोडक्शन सिस्टम के लिए बनने वाले हॉर्मोन्स मेनोपॉज के बाद भी कमोबेश बनते ही रहते हैं, लेकिन उनकी प्रक्रिया बदल जाती है. इससे महिलाओं का बोन मेटाबॉलिज्म काफी प्रभावित होता है. हड्डियों में कैल्शियम को मेंटेन करने वाले हॉर्मोन्स की कमी से दिक्कत शुरू होती हैं. इसलिए मेडिकल साइंस मानता है कि मीनोपॉज और ऑस्टियोपोरोसिस का आपस में सीधा रिश्ता है.
ऑस्टियोपोरोसिस की जटिलताओं से कैसे बचें या कंट्रोल करें?
मीनोपॉज से पहले ही कुछ सावधानियों को अपनाकर बाद में ऑस्टियोपोरोसिस की जटिलताओं से कैसे बचा या उसे कंट्रोल किया जा सकता है से जुड़े सवालों के जवाब में डॉक्टर बोहरा कहते हैं कि उम्र बढ़ने के बाद ऑस्टियोपोरोसिस होना तो तय है. हालांकि, इसकी जटिलताओं और गंभीरताओं को सावधानियों के जरिए रोका या कम किया जा सकता है. इसके कुछ बेहद सामान्य सावधानियों को करने की जरूरत है.
मेनोपॉज और ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में जागरूक होना पहली सीढ़ी
डॉक्टर बोहरा ने कहा कि सबसे पहले महिलाओं को मेनोपॉज और ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में जागरूक होने, पढ़ने और जानने की जरूरत है. उसके बाद 40 से 50 साल की उम्र के बीच में हॉर्मोंस की मात्रा, हड्डियों की डेंसिटी, विटामिन डी और कैल्शियम वगैरह की नियमित जांच करवानी चाहिए. साथ ही गायनेकोलॉजिस्ट और ऑर्थोपेडिक डॉक्टर्स की सलाह पर उम्रदराज महिलाएं लाइफ स्टाइल में जरूरी बदलाव कर सकतीं है. इसके अलावा एक्सरसाइज को भी डेली रूटीन में शामिल करना चाहिए.
Osteoporosis: Risk factors, diagnosis, treatment in Hindi | Orthopedic Doctor से जानें कारण और इलाज
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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