
- कर्नाटक धर्मस्थल सामूहिक कब्र मामले में हाई कोर्ट ने मीडिया पर लगी रिपोर्टिंग प्रतिबंध को रद्द कर दिया था.
- सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने का निर्णय लिया है.
- SIT ने जखुदाई का काम शुरू कर कंकाल के अवशेष और नमक की बोरियां बरामद की हैं.
कर्नाटक धर्मस्थल सामूहिक कब्र मामले (Karnataka Dharmasthala Case) में हाईकोर्ट के हालिया आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. दरअसल हाईकोर्ट ने ‘धर्मस्थल सामूहिक कब्र' मामले की रिपोर्टिंग पर लगे मीडिया प्रतिबंध को रद्द कर दिया था. कर्नाटक हाई कोर्ट ने 1 अगस्त को बेंगलुरु दीवानी अदालत द्वारा जारी उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें कब्र के मामले की रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी गई थी.
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हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने एक वकील ने कहा था कि करीब 8,000 यूट्यूब चैनल धर्मस्थल मंदिर के खिलाफ अपमानजनक तथ्य प्रसारित कर रहे हैं. उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील को तत्काल सूचीबद्ध करने की अपील की थी. अब सुप्रीम कोर्ट मामले पर सुनवाई करेगा.
धर्मस्थल की धरती उगल रही राज!
धर्मस्थल मंदिर निकाय के सचिव हर्षेन्द्र कुमार डी. ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मंदिर का प्रबंधन करने वाले परिवार को निशाना बनाने वाले अपमानजनक विषय-वस्तु को हटाने का अनुरोध किया है. इस सबके बीच धर्मस्थल की धरती जैसे कई राज उगल रही है. कहीं कंकाल के अवशेष तो कहीं नमक की बोरियां, लगातार कुछ न कुछ मिल हीरहा है. सामूहिक दफन मामले की जांच अब SIT के हाथ में है. मामले की जांच 19 जुलाई को कर्नाटक पुलिस की SIT को सौंप दी गई थी. SIT खुदाई करने में जुटी है.
पहले कंकाल के अवशेष, फिर नमक की बोरियां
6 अगस्त को धर्मस्थल संख्या 11A पर खुदाई का काम पूरा कर लिया गया था. सोमवार को यहीं से कंकाल के अवशेष मिले थे. बुधवार को यहां से नमक की बोरियां बरामद की गईं. सूत्रों के मुताबिक शवों को जल्दी गलाने के लिए इस नमक का इस्तेमाल किया गया होगा. गुरुवार को इस जगह पर तलाशी अभियान जारी रहा. इसके बाद साइट-13 पर खुदाई का काम शुरू किया जाएगा.
पूर्व सफाईकर्मी ने कही शव दफनाने की बात, रेप से जुड़ा है मामला
मंगलुरु में जुलाई महीने में एक पूर्व सफाईकर्मी ने पुलिस के सामने ये दावा कर सनसनी मचा दी थी कि उसने 1995 से 2014 के बीच रेप की शिकार लड़कियों, महिलाओं और पुरुषों के क़रीब 100 शव अलग-अलग जगहों पर दफ़नाए थे. उसने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था. उसने ये भी कहा कि जान से माने की धमकी की वजह से वह इतने सालों तक चुप रहा. लेकिन इस अपराध बोध के साथ वह और जी नहीं सकता, इसीलिए सच बता रहा है.
सैकड़ों शव दबे होने के दावे के बाद खोदी जा रही जमीन
कर्नाटक के धर्मस्थल की धरती जैसे राज उगल रही है. सामूहिक रूप से सैकड़ों शवों दबे होने के दावे के बाद जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था. SIT संदिग्ध मानव अवशेषों का पता लगाने के लिए खुदाई करवाने में जुटी है. मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच नेत्रवती स्नान घाट के पास एक वन क्षेत्र में खुदाई शुरू की गई. यह अभियान शिकायतकर्ता की मौजूदगी में शुरू किया गया, जिसने पहले कुछ खास जगहों का खुलासा किया था, जहां कथित तौर पर अवैध रूप से मानव अवशेष दफनाए गए थे.
केएमसी (कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज) अस्पताल, मंगलुरु के फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. जगदीश राव और डॉ. रश्मि, कंकाल अवशेषों की वैज्ञानिक खोज के लिए टीम में शामिल हैं. पुलिस के अनुसार, सोमवार को प्रारंभिक निरीक्षण के दौरान इस जगह की पहचान की गई थी.
सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका, सुरक्षा कड़ी
गवाहों की सुरक्षा और सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका को देखते हुए दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. अधिकारियों का कहना है कि फॉरेंसिक विश्लेषण के नतीजों के आधार पर आगे और खुदाई की जा सकती है. धर्मस्थल में कथित तौर पर दो दशकों से भी अधिक समय से जारी सामूहिक हत्याकांड, यौन उत्पीड़न और शवों को दफनाने के गंभीर आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया है.
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