Psychological Tricks: हर बहस में होगी जीत, 6 साइकोलॉजिकल ट्रिक्स जिनसे आप जीत सकते हैं हर जंग, दुश्मन भी बन जाएंगे फैन

Psychological Tricks To Win Argument: कई बार हम ऑफिस या घर पर किसी बात पर असहमति जताते हैं और वहीं से लंबी चौड़ी डिबेट शुरू हो जाती है. ऐसे में अगर आप बहस में जीतना चाहते हैं तो इन साइकोलॉजिकल ट्रिक्‍स को जरूर ध्‍यान में रखें.

Psychological Tricks: हर बहस में होगी जीत, 6 साइकोलॉजिकल ट्रिक्स जिनसे आप जीत सकते हैं हर जंग, दुश्मन भी बन जाएंगे फैन

Psychological Tricks To Win Any Argument: इन ट्रिक्स के साथ आप जीत सकते हैं हर बहस.

खास बातें

  • बहस में जीत हासिल करने का साइकोलॉजिकल ट्रिक्‍स
  • अपने इमोशन पर कंट्रोल रखकर आप आसानी से जीत सकते हैं.
  • इमोशन से अधिक फैक्‍ट पर ध्‍यान दें

Psychological Tricks To Win Argument: क्‍या आपके साथ भी ऐसा होता है कि लोग बड़ी आसानी से आपके हर काम में कमी निकाल देते हैं और जब बहस (Argument) होती है तो तर्क देकर हरा देते हैं? अगर हां, तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इस तरह लोगों की असहमति पर चुप रह जाना अपने लिए नुकसानदायक भी हो सकता है. जी हां, अगर आप चाहते हैं कि आप अच्‍छे पोजीशन पर जाएं तो अपनी बातों को सही तरीके से रखना और उस पर कायम रहना जरूरी है. यहां हम कुछ साइकोलॉजिकल (Psychological) ट्रिक्‍स लेकर आए हैं, जिसे अगर आप अपना लें तो अगली बार किसी बात पर असहमति होने पर आप भी लोगों को अपने मत पर सहमत कर सकते हैं. यह आपके रिश्तों को और बेहतर बनाने में मददगार होंगे. ये टिप्‍स आपके करियर, रिलेशनशिप या लाइफ में भी काम आ सकते हैं.

बहस में जीत हासिल करने का साइकोलॉजिकल ट्रिक्‍स (Psychological Tricks To Win Argument)

इमोशन पर कंट्रोल

बहस किसी से भी हो रही हो अपने इमोशन पर कंट्रोल रखकर आप आसानी से जीत सकते हैं. अगर आप अपना टेंपर लूज कर देंगे तो आप पक्‍का हार जाएंगे. इसलिए शांत रहें और अपनी बात रखें. इसे भी पढ़ें: 5 संकेत, जो बताते हैं कि आप आध्यात्मिक रिश्‍ते में हैं, यूं करें Spiritual Relationship की पहचान

दूसरे को अच्‍छी तरह सुनें

अगर सामने वाला कोई आरोप लगा रहा है या कोई बात कह रहा है तो उसकी बात को ध्‍यान से सुनें. इस तरह आप उसकी बातों में कमी और खामियों को निकाल पाएंगे.

सवाल करें

अगर कोई आप पर किसी तरह का आरोप लगा रहा है तो आप उससे सवाल कर सकते हैं कि किस आधार पर वे यह आरोप लगा रहे हैं, या आपके पास कोई सबूत है क्‍या आदि. आप यह भी पूछ सकते हैं कि ऐसी कौन सी बात है जो आप इतना गुस्‍सा हो रहे हैं?

फैक्‍ट जरूरी

इमोशन से अधिक फैक्‍ट पर ध्‍यान दें और अपनी बात को मजबूत बनाने के लिए आप पहले के डाटा, रिसर्च, कोटेशन आदि को कोट करें.

टॉपिक पर रहें

बहस के दौरान कई बार लोग इधर उधर की बातें करने लगते हैं और बेकार का लड़ाई झगड़ा बनने लगता है. इसलिए अपने टॉपिक पर डटे रहें और हर बात डायरेक्‍ट पूछें.

बत्‍तमीजी ना करें

अपने अपोनेंट के साथ मिसबिहेव करने से बचें और इज्‍जत से पेश आएं. यकीन मानिए, आपका यह तरीका आपके अपोनेंट पर साइकोलॉजिक स्‍ट्रेस डाल सकता है और सुनने वाले लोग भी आपके पक्ष में रह सकते हैं.



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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)