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पेट की गैस को न समझो छोटी बीमारी, अंदर ही अंदर बढ़ रहा है ये खतरा...

Ayurvedic tips for gas : बार-बार गैस बनना आपके पाचन तंत्र की गड़बड़ी और आपकी बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल का सीधा-सीधा संकेत होती है. इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं.

पेट की गैस को न समझो छोटी बीमारी, अंदर ही अंदर बढ़ रहा है ये खतरा...
गैस की वजह से पेट में भारीपन, सूजन, बार-बार डकार आना, पेट फूलना (ब्लोटिंग) और कभी-कभी तो तेज पेट दर्द भी होने लगता है.

Upset stomach home remedy :  आज के भागदौड़ भरे जीवन में पेट में गैस की समस्या आम हो गई है, लेकिन यह समस्या जितनी सामान्य लगती है, उतनी ही असुविधाजनक और परेशान करने वाली भी हो सकती है. अधिकांश लोग इसे हल्के में लेते हैं, जबकि यह पाचन तंत्र की गड़बड़ी और बिगड़ी जीवनशैली का संकेत है.  

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क्यों बनती है पेट में गैस

जब भोजन ठीक से नहीं पचता, तो आंतों में किण्वन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है जिससे कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन और मीथेन जैसी गैसें बनती हैं. इसका परिणाम होता है पेट में भारीपन, सूजन, डकार, ब्लोटिंग और कभी-कभी पेट दर्द तक.

गैस बनने के प्रमुख कारणों में अनियमित और गलत खानपान शामिल हैं, जैसे तैलीय, मसालेदार और फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन. इसके अलावा, जल्दी-जल्दी खाना, बिना चबाए निगलना और तनाव की स्थिति भी गैस को बढ़ावा देती है.

आयुर्वेद के अनुसार, कमजोर जठराग्नि यानी पाचन अग्नि की दुर्बलता गैस का मूल कारण है. देर रात जागना, समय पर भोजन न करना और दालों या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का अधिक सेवन भी इसकी वजह बन सकता है.

पेट की गैस का घरेलू इलाज

हालांकि, इससे राहत पाने के कुछ घरेलू नुस्खे हैं, जिन्हें फॉलो करके आप इंस्टैंट आराम पा सकते हैं...

एक चुटकी अजवाइन और काला नमकअदरक और अजवाइन

अदरक की चाय या अदरक को नमक के साथ चबाना पाचन को मजबूत करता है. भोजन के बाद सौंफ चबाना या इसका पानी पीना गैस को बनने से रोकता है और सांस की बदबू भी दूर करता है.

हींग का पेस्ट और नींबू पानी

हींग का प्रयोग भी कारगर है. इसे गुनगुने पानी में घोलकर पेट पर लगाने या पीने से गैस बाहर निकलती है. नींबू पानी और त्रिफला चूर्ण जैसे उपाय भी बेहद असरदार हैं.

योगासन से मिले आराम

इसके साथ ही जीवनशैली में सुधार करना अत्यंत आवश्यक है. समय पर खाना, धीरे-धीरे चबाकर खाना, खाने के बाद तुरंत लेटने से बचना, और नियमित वॉक तथा योगासन जैसे पवनमुक्तासन और वज्रासन को अपनाना गैस की समस्या को जड़ से खत्म कर सकते हैं. खाने के बीच में अंतराल भी होना बहुत जरूरी है. इसके अलावा, ध्यान और प्राणायाम मानसिक तनाव को दूर करते हैं, जिससे पाचन भी सुधरता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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