IVF Treatment Side Effects: पिछले कुछ समय में ऐसी महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है जो आईवीएफ ट्रीटमेंट के जरिए गर्भधारण कर रही हैं. ये ट्रीटमेंट ऐसे दंपत्तियों के लिए रोशनी की किरण बनकर उभरा है, जो मेडिकल कारणों से गर्भधारण नहीं कर पा रहे थे. हालांकि इस ट्रीटमेंट को लेकर कई तरह की बातें भी कही जाती हैं. इनमें से एक कॉमन बात यह है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट कराने से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा होता है. क्या वाकई ऐसा है? क्या आईवीएफ ट्रीटमेंट ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन जाता है, इस लेख में जानें क्या है सच और आईवीएफ कराने से महिला के शरीर में क्या बदलाव हो सकते हैं.
क्या IVF ट्रीटमेंट ब्रेस्ट कैंसर करा सकता है | Can IVF Cause Breast Cancer
डॉक्टर्स कहते हैं कि इस बात में बिल्कुल सच्चाई नहीं है. अभी तक ऐसी कोई रिसर्च सामने नहीं आई है जिसके नतीजों में यह कहा गया हो कि आईवीएफ ट्रीटमेंट से ब्रेस्ट कैंसर होता है. लोगों में यह धारणा है कि ट्रीटमेंट के लिए जो दवाएं दी जाती हैं, उनके साइड इफेक्ट की वजह से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है, पर ऐसा नहीं होता. हेल्थ एक्सपर्ट खतरा केवल उस स्थिति में होता है, जब उनके परिवार में पहले से ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री रही हो.
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IVF और ब्रेस्ट कैंसर के बीच कनेक्शन | IVF and Breast Cancer
दरअसल IVF ट्रीटमेंट के दौरान महिलाओं को हार्मोनल मेडिसिन दी जाती हैं. ये दवाएं इसलिए दी जाती हैं जिससे महिला के शरीर में हार्मोनल उत्पादन में तेजी आए. मुख्य रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन. लोग यह तर्क देते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर होने के प्रमुख कारणों में से एक हार्मोनल असंतुलन होता है, इसलिए आईवीएफ ट्रीटमेंट के कारण ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.
जबकि एक्सपर्ट कहते हैं कि बार-बार IVF ट्रीटमेंट कराने से कुछ दुर्लभ मामलों में ऐसा खतरा हो सकता है, पर हर मामले में ऐसा हो यह जरूरी नहीं. डॉक्टर आईवीएफ ट्रीटमेंट को बेहद सुरक्षित मानते हैं.
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बार-बार IVF कराने के खतरे | Side Effects of IVF Treatment
डॉक्टर कहते हैं कि बार-बार कोई भी ट्रीटमेंट सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता. आईवीएफ कराने से हार्मोनल बदलाव संभव हैं. और इसके बुरे असर हो सकते हैं. बार-बार ट्रीटमेंट कराने से इसके दूरगामी बुरे प्रभाव हो सकते हैं-
- IVF प्रक्रिया में हार्मोनल दवाएं दी जाती हैं, जिससे शरीर में नेचुरल हार्मोनल बैलेंस खराब हो सकता है.
- कई बार महिलाओं में इस बदलाव से शरीर में अत्यधिक थकान, मूड स्विंग होना, वजन बढ़ने जैसी समस्याएं देखी जाती हैं.
- जो महिलाएं बार-बार आईवीएफ ट्रीटमेंट लेती हैं, उन्हें प्रीमैच्योर डिलीवरी या अर्बाशन का खतरा रहता है.
- बार-बार इस ट्रीटमेंट को कराने से यह शरीर के साथ मानसिक असर करता है. महिला को तनाव, डिप्रेशन हो सकता है.
IVF कराएं तो किन बातों का रखें ध्यान | Things to check before IVF Treatment
आईवीएफ ट्रीटमेंट कराते हुए महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. इन बातों का ध्यान रखने से महिलाएं अपनी हेल्थ को दुरुस्त रख सकती हैं-
- IVF ट्रीटमेंट से पहले हेल्थ चेकअप कराएं. जिससे यह पता चल सके कि महिला शारीरिक रूप से इस ट्रीटमेंट को हराने के लिए फिट है या नहीं.
- डॉक्टर की सलाह लेकर हार्मोनल टेस्ट कराना चाहिए.
- बार-बार IVF ट्रीटमेंट नहीं कराना चाहिए. अगर कराने की जरूरत पड़े तो पहले डॉक्टर से सलाह लें.
- लाइफस्टाइल सही रखें. खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
- अगर आपकी फैमिली में ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री रही है, तो डॉक्टर को इस बारे में अवश्य सूचित करें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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