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गर्भधारण करने में आ रही परेशानी को दूर करने के लिए किसी वरदान से कम नहीं है IVF तकनीक, जानें पूरी प्रक्रिया

World IVF Day 2024: इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) एक आधुनिक तकनीक है जो गर्भधारण न कर पाने वाले दंपतियों के लिए एक अच्छा विकल्प है. यह कई दंपतियों को माता-पिता बनने का सपना साकार करने में मदद कर सकती है.

गर्भधारण करने में आ रही परेशानी को दूर करने के लिए किसी वरदान से कम नहीं है IVF तकनीक, जानें पूरी प्रक्रिया
IVF Treatment: ये ट्रीटमेंट गर्भधारण न कर पाने वाले दंपतियों के लिए एक उम्मीद की किरण है.

What Is IVF: इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) एक प्रजनन चिकित्सा तकनीक (रिप्रोडक्टिव मेडिकल टेक्नोलॉजी) है जिसका उपयोग उन कपल्स के लिए किया जाता है जो स्वाभाविक रूप से संतान प्राप्ति में कठिनाई का सामना कर रहे हैं. यह प्रक्रिया उन महिलाओं के लिए एक वरदान साबित होती है जो किसी भी कारण से गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं. ये ट्रीटमेंट गर्भधारण न कर पाने वाले दंपतियों के लिए एक उम्मीद की किरण है. यह तकनीक उन महिलाओं के लिए एक किसी चमत्कार से कम नहीं है जो प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में असमर्थ होती हैं. आईवीएफ के माध्यम से अंडाणु और शुक्राणु को शरीर के बाहर फर्टिलाइज किया जाता है और फिर गर्भाशय में ट्रांसप्लांट किया जाता है.

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आईवीएफ की प्रक्रिया (The Process of IVF)

ओवुलेशन स्टिमुलेशन: प्रक्रिया की शुरुआत में महिला को हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि उसके अंडाशय में ज्यादा अंडाणु बन सकें.
अंडाणु को स्टोर करना: जब अंडाणु पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं, तो उन्हें अल्ट्रासाउंड गाइडेंस के तहत निकाल लिया जाता है.
अंडाणु और शुक्राणु मिलान: अंडाणु को पुरुष के शुक्राणु के साथ प्रयोगशाला में मिलाया जाता है.
भ्रूण विकास: निषेचित अंडाणु को विशेष वातावरण में रखा जाता है ताकि वह भ्रूण में विकसित हो सके.
भ्रूण ट्रांसफर: एक या उससे ज्यादा हेल्दी भ्रूण को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है.

आईवीएफ के लाभ (Benefits of IVF)

गर्भधारण न कर पाने का समाधान: जिन लोगों को स्वाभाविक रूप से गर्भधारण में कठिनाई हो रही है, उनके लिए यह एक प्रमुख समाधान है.
जेनेटिक स्क्रीनिंग: आईवीएफ के जरिए भ्रूण के आनुवंशिक विकारों की जांच की जा सकती है.
डोनर अंडाणु/शुक्राणु का उपयोग: अगर जरूरी हो, तो डोनर अंडाणु या शुक्राणु का उपयोग किया जा सकता है.

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आईवीएफ के जोखिम (Risks of IVF)

सफलता दर: आईवीएफ की सफलता दर हर महिला के लिए अलग-अलग होती है और यह उसकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कारकों पर निर्भर करती है.
बहु-गर्भधारण: कभी-कभी एक से ज्यादा भ्रूण ट्रांसफर करने के कारण मल्टीपल प्रेगनेंसी हो सकती है.
ओवेरियन हाइपरस्टिमुलेशन सिंड्रोम (OHSS): अंडाणु उत्तेजना के दौरान कुछ महिलाओं को OHSS हो सकता है जिसमें अंडाशय में सूजन हो जाती है.

आईवीएफ उन कपल्स के लिए एक जरूरी और प्रभावी मेडिकल ट्रीटमेंट है जो संतान प्राप्ति में कठिनाई का सामना कर रहे हैं. यह तकनीक उन्हें माता-पिता बनने का सपना साकार करने में सहायता करती है. हालांकि इसके कुछ जोखिम और सीमाएं हैं, लेकिन सही मार्गदर्शन और मेडिकल केयर के जरिए इन्हें कम किया जा सकता है. आईवीएफ ने रिप्रोडक्टिव हेल्थ के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है और यह प्रजनन समस्याओं से जूझ रहे जोड़ों के लिए एक उम्मीद की किरण है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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