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अधूरी नींद बढ़ाती है इन गंभीर बीमारियों का खतरा, नई स्टडी में कम सोने वालों के लिए चेतावनी

Sleep Deprivation Health Risks: अगर आप रोज अधूरी नींद लेते हैं, तो यह सिर्फ थकान या चिड़चिड़ापन नहीं लाता बल्कि कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. हाल ही में हेल्थ डेटा साइंस जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि नींद की मात्रा से ज्यादा नींद की नियमितता और क्वालिटी सेहत के लिए जरूरी है.

अधूरी नींद बढ़ाती है इन गंभीर बीमारियों का खतरा, नई स्टडी में कम सोने वालों के लिए चेतावनी
Sleep Deprivation Health Risks: इस स्टडी में करीब 90,000 लोगों को 7 साल तक ट्रैक किया गया.

Effects of Poor Sleep On Body: अधूरी नींद अब सिर्फ थकान या मूड खराब करने वाली समस्या नहीं रही, यह 172 गंभीर बीमारियों से जुड़ी चेतावनी बन चुकी है. हाल ही में आई एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि अपर्याप्त नींद का संबंध पार्किंसंस, डायबिटीज, हार्ट डिजीज और मानसिक रोगों तक से है. यह रिसर्च बताती है कि स्लीप क्वालिटी और नियमितता सेहत के लिए उतनी ही जरूरी है जितनी नींद की मात्रा. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि हम अपनी नींद को कैसे बेहतर बना सकते हैं. इस स्टोरी में हम जानेंगे कि कम नींद के खतरे क्या हैं और कौन-से आसान उपाय हमें अच्छी नींद दिला सकते हैं.

कम नींद से जुड़ी बीमारियां

इस स्टडी में करीब 90,000 लोगों को 7 साल तक ट्रैक किया गया. शोध में पाया गया कि पार्किंसन रोग का खतरा 37 प्रतिशत तक बढ़ जाता है, टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 36 प्रतिशत तक, किडनी फेलियर का खतरा 22 प्रतिशत तक, COPD, हार्ट डिजीज, डिप्रेशन जैसी बीमारियां भी नींद की अनियमितता से जुड़ी हैं. यह भी पाया गया कि 92 बीमारियों में से 20 प्रतिशत को सिर्फ अच्छी नींद से रोका जा सकता है.

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नींद की गड़बड़ी क्यों होती है? (Why Do Sleep Disturbances Occur?)

  • देर रात मोबाइल या स्क्रीन देखना
  • काम का तनाव
  • अनियमित सोने-जागने का समय
  • कैफीन या भारी भोजन रात में लेना

नींद को लेकर गलत धारणाएं, जैसे 8 घंटे सोना काफी है, जबकि असल में लोग 6 घंटे से भी कम सोते पाए गए.

बेहतर नींद के लिए आसान उपाय

  • नियमित स्लीप रूटीन बनाएं रोज एक ही समय पर सोने और उठने की आदत डालें.
  • स्क्रीन टाइम कम करें सोने से कम से कम 1 घंटे पहले मोबाइल, टीवी और लैपटॉप से दूरी बनाएं.
  • कैफीन और भारी भोजन से बचें रात को चाय, कॉफी या तले-भुने खाने से नींद में बाधा आती है.
  • कमरे का वातावरण शांत और अंधेरा रखें हल्की रोशनी, ठंडा तापमान और शांत माहौल नींद को बेहतर बनाता है.
  • योग और मेडिटेशन करें दिन में 10–15 मिनट ध्यान लगाने से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है.

नींद सिर्फ आराम नहीं, बल्कि शरीर की मरम्मत और मानसिक संतुलन के लिए जरूरी है. नई स्टडी ने साफ कर दिया है कि स्लीप क्वालिटी और नियमितता सेहत के लिए उतनी ही जरूरी है जितनी नींद की मात्रा. अगर आप अधूरी नींद ले रहे हैं, तो यह एक चेतावनी है, समय रहते सुधार करें, वरना गंभीर बीमारियां दस्तक दे सकती हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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