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This Article is From Oct 26, 2023

रात को नींद न आने से हैं परेशान तो आज से करें ये काम, फिर रात को जल्दी सोने का ढूंढने लगेंगे बहाना

अगर आपको थोड़े समय (लगभग एक महीने से कम) के लिए सोने में परेशानी हो रही है और आप जो भी प्रयास कर रहे हैं वह काम नहीं कर रहा है, तो आपकी अनिद्रा के अंतर्निहित कारण हो सकते हैं.

रात को नींद न आने से हैं परेशान तो आज से करें ये काम, फिर रात को जल्दी सोने का ढूंढने लगेंगे बहाना

क्या आपको सोने में परेशानी होती है? क्या आप रात में देर तक जागते हैं? क्या नींद की ये समस्याएं आपको दिन भर थकान, अकड़न या थका हुआ महसूस कराती हैं? क्या ऐसा महीनों से हो रहा है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं. लगभग 12-15% ऑस्ट्रेलियाई लोगों को अनिद्रा (नींद नहीं आना) की पुरानी बीमारी है. इससे राहत पाने के लिए आपने सांस की एक्सरसाइज, स्लो म्यूजिक, अंधेरे और शांत बेडरूम में बिस्तर पर जाना, शाम को अलग-अलग फूड आइटम्स खाना, हर रोज नींद का पैटर्न बनाना या कैफीन को कम करने की कोशिश की होगी. लेकिन तीन चार हफ्ते तो लगता है कि सुधार हो रहा है, लेकिन उसके बाद, आपको नींद का आने की समस्या वापस आ जाती है. 

तो फिर अब क्या किया जाए? 

  • बिस्तर पर ज्यादा समय बिताने से अक्सर बिस्तर पर जागते हुए ज्यादा समय बिताना पड़ता है, जो नींद ना आने के पैटर्न को बदतर बना सकता है.
  • कॉफी पीने और झपकी लेने से आपको दिन गुजारने में मदद मिल सकती है. लेकिन कैफीन हमारे शरीर में कई घंटों तक रहता है और अगर आप इसका बहुत अधिक सेवन करते हैं, खासकर दोपहर 2 बजे के बाद, तो यह हमारी नींद में खलल डाल सकता है. अगर झपकी 30 मिनट से ज्यादा देर तक के लिए आती है या लगभग 4 बजे के बाद आती है, तो यह आपकी कुल नींद को कम कर सकती है, और ऐसे में सोना और ज्यादा कठिन हो सकता है. 
  • शराब पीने से आपको जल्दी नींद आने में मदद मिल सकती है, लेकिन इससे नींद बार-बार खुल सकती है. आप कितनी देर तक सोते हैं, ये करना उसे बदल सकता है.

आगे क्या करना है? 

अगर आपके लक्षण एक या दो महीने से ज्यादा समय तक बने रहते हैं, तो संभव है कि आपको नींद ना आने की समस्या को दूर करने के लिए सही इलाज की जरूरत है. जो नींद के पैटर्न और बिहेवियर पर ध्यान केंद्रित करते हैं. तो, अगला चरण एक प्रकार की गैर-दवा चिकित्सा है, जिसे अनिद्रा के लिए संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (या संक्षेप में सीबीटीआई) के रूप में जाना जाता है. यह चार से आठ हफ्ते का इलाज है जिसे नींद की गोलियों की तुलना में ज्यादा प्रभावी माना गया है. इसमें नींद के बारे में बताया गया है और मनोवैज्ञानिक तथा व्यवहारिक उपचार प्रदान किया जाता है जो दीर्घकालिक अनिद्रा के अंतर्निहित कारणों का समाधान करता है. 

आप इसे सीबीटीआई में प्रोफेशनल हेल्थ एक्सपर्ट्स के साथ एक छोटे ग्रुप में, या ऑनलाइन प्रोग्राम के जरिए से एक-एक करके कर सकते हैं. कुछ डाक्टर सीबीटीआई की पेशकश करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं, लेकिन विशेषज्ञ नींद मनोवैज्ञानिकों द्वारा ऐसा करना ज्यादा नॉर्मल है. इसके लिए आपका डाक्टर आपको किसी के पास भेज सकता है. इलाज की कॉस्ट की बात करें तो इसमें सब्सिडी देने के लिए कुछ मेडिकेयर ऑफर्स भी उपलब्ध हैं. लेकिन कई मनोवैज्ञानिक मेडिकेयर सब्सिडी के ऊपर अलग से चार्ज भी लेंगे, जिससे सीबीटीआई तक पहुंच कुछ लोगों के लिए महंगी हो सकती है. 

नींद न आने की समस्या से पीड़ित लगभग 70-80% लोगों को सीबीटीआई के बाद बेहतर नींद आती है, जिसमें सुधार कम से कम एक साल तक रहता है. अगर वह काम न करे तो क्या होगा? अगर सीबीटीआई आपके लिए काम नहीं करता है, तो आपका डॉक्टर यह देखने के लिए आपको एक एक्सपर्ट डॉक्टर के पास भेज सकता है कि क्या नींद से जुड़ी दूसरी बीमारियों जैसे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, आपकी अनिद्रा के रोग में योगदान दे रहे हैं. स्ट्रेस और टेंशन जैसी किसी भी मानसिक स्वास्थ्य समस्या के साथ-साथ दर्द जैसे शारीरिक लक्षणों का प्रबंधन करना भी महत्वपूर्ण हो सकता है जो नींद में बाधा डाल सकते हैं. कुछ जीवनशैली और कार्य कारकों, जैसे शिफ्ट-वर्क, के लिए स्पेशलिस्ट स्लीप फिजिशियन की जरूरत पड़ सकती है.

नींद की गोलियों के बारे में क्या? 

नींद न आने को समस्या को रोकने के लिए नींद की गोलियाँ कोई पहला तरीका नही हैं. हालांकि, नींद न आने के लक्षणों से अल्पकालिक, त्वरित राहत प्रदान करने में या जब सीबीटीआई सुलभ या सफल नहीं होता है, तो उनकी भूमिका होती है. परंपरागत रूप से, लोगों को सोने में मदद करने के लिए बेंजोडायजेपाइन (उदाहरण के लिए, टेमाज़ेपम) और बेंजोडायजेपाइन रिसेप्टर एगोनिस्ट (उदाहरण के लिए, ज़ोलपिडेम) जैसी दवाओं का उपयोग किया जाता रहा है. हालांकि, इनके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं. 

फिर क्या किया जाए?

दो नई दवाएं, जिन्हें ‘‘ऑरेक्सिन रिसेप्टर एंटागोनिस्ट'' के रूप में जाना जाता है, ऑस्ट्रेलिया में उपलब्ध हैं (सुवोरेक्सेंट और लेम्बोरेक्सेंट). ये मस्तिष्क में जागृति को बढ़ावा देने वाले मार्गों को अवरुद्ध कर देती हैं. प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि वे नींद में सुधार करने में प्रभावी हैं, और पहले की दवाओं की तुलना में संभावित दुष्प्रभावों और निर्भरता का जोखिम कम है. हालाँकि, हम नहीं जानते कि वे लंबे समय तक काम करते हैं या सुरक्षित हैं. औषधीय भांग का हाल के वर्षों में ही अनिद्रा के उपचार के रूप में अध्ययन किया गया है. एक ऑस्ट्रेलियाई सर्वे में, औषधीय भांग का उपयोग करने वाले आधे से ज्यादा लोगों ने कहा कि वे इसका उपयोग अनिद्रा के इलाज के लिए करते हैं. इससे होने वाले फायदों की खबरें भी आती हैं.

लेकिन अब तक के चार सबसे बेहतरीन स्टडीज में से केवल एक (हममें से एक, जेन वॉल्श के नेतृत्व में) ने दो हफ्ते के इलाज के बाद अनिद्रा में सुधार दिखाया है. इसलिए हमें इस बारे में अधिक जानने की जरूरत है कि कौन से कैनबिनोइड्स  उदाहरण के लिए, डेल्टा-9-टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल, कैनबिडिओल या कैनाबिनोल - और कौन सी खुराक फायदेमंद हो सकती है. हमें यह भी सीखना होगा कि सबसे ज्यादा लाभ किसे हो सकता है, और क्या ये दीर्घकालिक रूप से सुरक्षित और प्रभावी हैं. 

अगर आपको थोड़े समय (लगभग एक महीने से कम) के लिए सोने में परेशानी हो रही है और आप जो भी प्रयास कर रहे हैं वह काम नहीं कर रहा है, तो आपकी अनिद्रा के अंतर्निहित कारण हो सकते हैं, जिनका इलाज करने पर कुछ राहत मिल सकती है. आपका डाक्टर इन्हें पहचानने और प्रबंधित करने में मदद कर सकता है.यदि आपकी अनिद्रा लंबे समय तक बनी रहती है तो आपका डॉक्टर आपको अन्य उपचारों तक पहुंचने में भी मदद कर सकता है. इसमें गैर-दवा उपचार और/या अन्य सेवाओं या डॉक्टरों के पास रेफरल शामिल हो सकता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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