Teach your kids to make friends: बच्चों को हर अच्छी चीज सिखाना पेरेंट्स (Parents) की जिम्मेदारी होती है. इसके अलावा ये भी देखना होता है कि बच्चे किससे दोस्ती कर रहे हैं और किसके साथ ज्यादा रहते हैं. घर और स्कूल के अलावा बच्चे अपने दोस्तों से भी काफी कुछ सीखते हैं, इसलिए उनकी दोस्तों (Friends) पर भी नजर रखना काफी जरूरी होता है. इसके लिए आपको काफी सूझ-बूझ से काम करना होता है, आपको अपने बच्चों को सिखाना होता है कि वो कैसी संगत में रहें और क्या उनके लिए ठीक नहीं है.
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बच्चों को दोस्त चुनना सिखाने के तरीके | बच्चों को बुरी संगत से बचाने के उपाय | बच्चों को गलत संगत से कैसे बचाएं | Tips To Keep Your Child Away From Bad Company in Hindi | Ways to teach your kids to choose friends wisely
बच्चों को चुनने दें दोस्त
अक्सर देखा जाता है कि पेरेंट्स जबरदस्ती बच्चों को किसी दूसरे बच्चे से दोस्ती करवाते हैं, साथ ही कहते हैं कि ऐसे ही दोस्त बनाओ, हालांकि ऐसा करना कई बार गलत भी साबित हो सकता है. सबसे बेहतर रहेगा कि आप बच्चे को अपने विवेक से अपने दोस्त चुनना सिखाएं. भले ही इसमें वो एक या दो बार गलती कर सकते हैं, लेकिन भविष्य के लिए वो एक बेहतर फ्रेंड सर्कल बनाने में कामयाब होंगे. आपके लिए ऐसी छूट देना मुश्किल जरूर हो सकता है, लेकिन आने वाले समय में आपको इसके असली मायने समझ आएंगे.
वैल्यू करना सिखाएं
बच्चों को सबसे पहले फैमिली से लेकर दोस्तों और बाकी चीजों की वैल्यू सिखाना जरूरी है. इनमें से ज्यादातर चीजें वो अपने घर पर ही सीखते हैं. आप परिवार में कैसे रहते हैं, इसका असर उन पर पड़ता है. अपने बच्चों से उन चीजों पर बात करें, जिन्हें आप महत्व देते हैं. इससे उन्हें समझने में मदद मिलेगी और वो दूसरों में भी वही चीजें देखेंगे. दोस्त बनाते हुए भी उन्हें इन बातों का ख्याल रहेगा.
अपना अनुभव करें साझा
बच्चों के साथ अपना अनुभव जरूर शेयर करें, क्योंकि आपने जिंदगी के हर मोड़ और पहलू को अच्छी तरह से देखा है, ऐसे में ये उनकी मदद कर सकता है. अपने दोस्तों के साथ हुए तमाम अच्छे और बुरे अनुभवों को उन्हें बताएं. इससे वो बुरे दोस्त चुनने से बच जाएंगे.
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सभी से बात करने की छूट
बच्चों को कभी भी ये नहीं कहें कि वो किससे बात करेंगे और किससे नहीं... उन्हें सभी से बात करने की छूट दें, इससे उन्हें ये जानने में मदद मिलेगी कि उनके लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा है. वो दोनों ही चीजों को पहचानने में सक्षम होंगे.
कभी भी बच्चे पर कुछ थोपना गलत है, ऐसे में उसे चुनने की आजादी दें कि अपनी बुद्धिमानी से वो कैसे अच्छे दोस्त चुन सकते हैं. जैसे-जैसे बच्चे की उम्र बढ़ती जाएगी, उसे समझ आने लगेगा कि खतरनाक दोस्ती क्या है और हेल्दी फ्रेंडशिप क्या होती है. इससे आपके बच्चे को ये भी सीखने को मिलेगा कि सच्ची दोस्ती क्या होती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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